रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) (आरआईएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने गुरुवार को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में बड़े स्तर पर उठाए जाने वाले कदमों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उनके विनिर्माण संयंत्रों में कुल 60,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
अंबानी ने कंपनी के हरित, स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा के एक नए युग में तेजी से पैर पसारने को लेकर अपना दृष्टिकोण पेश किया।
आरआईएल की 44वीं वार्षिक आम बैठक के दौरान, अंबानी ने कहा कि निवेश चार गीगा कारखानों की स्थापना में किया जाएगा। अंबानी ने कहा कि कंपनी ने जामनगर में 5,000 एकड़ में धीरूभाई अंबानी ग्रीन एनर्जी गीगा कॉम्प्लेक्स (हरित ऊर्जा वृहत परिसर) को विकसित करने का काम शुरू कर दिया है। यह दुनिया में सबसे बड़ी एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा निर्माण सुविधाओं में से एक होगी।
यह कार्य सौर ऊर्जा के उत्पादन, ऊर्जा के भंडारण, उत्पादन से जुड़े नए ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र के सभी महत्वपूर्ण घटकों के निर्माण को लेकर किया जाएगा।
अंबानी ने एजीएम में कहा कि जामनगर हमारे पुराने ऊर्जा कारोबार का उद्गम स्थल रहा है। यह हमारे नए ऊर्जा कारोबार का उद्गम स्थल भी होगा। उन्होंने कहा कि रिलायंस 2030 तक 100 गीगावाट सौर ऊर्जा स्थापित करेगी और क्षमता सृजित करने में योगदान देगी। इसमें छतों पर लगाई जाने वाले सौर संयंत्रों और गांवों में विकेंद्रित सौर संयंत्रों का बड़ा योगदान होगा।
यह कार्य सौर ऊर्जा के उत्पादन, ऊर्जा के भंडारण, उत्पादन से जुड़े नए ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र के सभी महत्वपूर्ण घटकों के निर्माण को लेकर किया जाएगा। (Pexels)
वहीं नवीकरणीय स्रोतों से उत्पादित ऊर्जा के भंडारण के लिए कंपनी अत्याधुनिक ऊर्जा भंडारण बैटरी विनिर्माण संयंत्र लगाएगी। बिजली के अलावा रिलायंस की हरित हाइ्ड्रोजन के उत्पादन की भी योजना है, जिसका उपयोग वाहनों में ईंधन के रूप में हो सकता है।
बता दें कि रिलायंस नई सामग्री और हरित रसायनों के लिए एक दृष्टिकोण विकसित कर रही है। इस बारे में अंबानी ने कहा, हम अपने हाइड्रोजन और सौर परिवेश तंत्र की मदद के लिए भारत के पहले विश्व स्तर के कार्बन फाइबर संयंत्र में रणनीतिक निवेश करके इसे शुरू करेंगे।
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कंपनी की एक ओर बेहतर पहल यह है कि वह उच्चतम दक्षता और न्यूनतम पूंजी लागत के मॉड्यूलर इलेक्ट्रोलाइजर्स के निर्माण के लिए इलेक्ट्रोलाइजर गीगा फैक्ट्री की स्थापना करेगी। इनका उपयोग घरेलू उपयोग के साथ-साथ वैश्विक बिक्री के लिए ग्रीन हाइड्रोजन के कैप्टिव उत्पादन के लिए किया जा सकता है।
एक अन्य पहल फ्यूल सेल गीगा फैक्ट्री के साथ की गई है। अंबानी ने कहा, 2016 में हमने भारत में डिजिटल डिवाइड को पाटने के उद्देश्य से जियो लॉन्च किया था। अब 2021 में हम भारत और विश्व स्तर पर हरित ऊर्जा की खाई को पाटने के उद्देश्य से अपना नया ऊर्जा व्यवसाय शुरू कर रहे हैं।(आईएएनएस-SM)