पंचायती राज संस्थानों के विकास के लिये खर्च होंगे 5,911 करोड़ रुपये

पंचायती राज संस्थानों के विकास के लिये खर्च होंगे 5,911 करोड़ रुपये(IANS)
पंचायती राज संस्थानों के विकास के लिये खर्च होंगे 5,911 करोड़ रुपये(IANS)

केंद्र सरकार ने पंचायती राज संस्थानों(Panchayati Raj Institutions) की शासन संबंधी क्षमताओं के विकास के लिये संशोधित केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान को 01 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2026 तक जारी रखने की बुधवार को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Narendra Modi) की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इस आशय की मंजूरी दी।

इस योजना पर कुल 5,911 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे, जिसमें से 3,700 करोड़ रुपये केंद्र सरकार(central government) देगी और 2,211 करोड़ रुपये संबंधित राज्य सरकारें देंगी। इस योजना से देश भर में पारंपरिक निकायों सहित 2.78 लाख से अधिक ग्रामीण स्थानीय निकायों को उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम उपयोग पर केंद्रित करने के साथ समावेशी स्थानीय शासन के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (SDG)) को लेकर काम करने के लिये शासन संबंधी क्षमता विकसित करने में मदद करेगी।

एसडीजी(SDG) के प्रमुख सिद्धांतों जैसे किसी को पीछे नहीं छोड़ना, सबसे पहले दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचना और व्यापक कवरेज करना, लैंगिक समानता के साथ-साथ प्रशिक्षण, प्रशिक्षण मॉड्यूल और सामग्री सहित क्षमता निर्माण के सभी क्रियाकलापों को डिजाइन में शामिल किया जायेगा। सरकार का कहना है कि पंचायतों(Panchayat) में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और महिलाओं का प्रतिनिधित्व होता है तथा वे जमीनी स्तर के सबसे करीब संस्थान हैं। इस लिहाज से पंचायतों को मजबूत करने से सामाजिक न्याय और समुदाय के आर्थिक विकास के साथ-साथ समानता और समावेशन को बढ़ावा मिलेगा।

पंचायती राज संस्थाओं(Panchayati Raj Institutions) द्वारा ई-गवर्नेंस के अधिक उपयोग से बेहतर सेवा वितरण और पारदर्शिता हासिल करने में मदद मिलेगी। यह योजना ग्राम सभाओं को नागरिकों, विशेष रूप से कमजोर समूहों के सामाजिक समावेशन के साथ प्रभावी संस्थानों के रूप में कार्य करने के लिये मजबूत करेगी। इससे पर्याप्त मानव संसाधन और बुनियादी ढांचे के साथ राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर पंचायती राज संस्थाओं के क्षमता निर्माण के लिए संस्थागत ढांचे की स्थापना होगी।

इस योजना (RGSA) के तहत कोई स्थायी पद सृजित नहीं किया जायेगा लेकिन योजना के कार्यान्वयन की निगरानी के लिये और योजना के तहत लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये राज्यों/ केंद्र-शासित प्रदेशों को तकनीकी सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से आवश्यकतानुसार अनुबंध आधारित मानव संसाधन का प्रावधान किया जा सकता है।

देश भर में पारंपरिक निकायों सहित ग्रामीण स्थानीय निकायों के लगभग 60 लाख निर्वाचित प्रतिनिधि, पदाधिकारी और अन्य हितधारक इस योजना के प्रत्यक्ष लाभार्थी होंगे। यह योजना देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक विस्तारित होगी और इसमें उन क्षेत्रों के ग्रामीण स्थानीय शासन की संस्थायें भी शामिल होंगी, जहां पंचायतें मौजूद नहीं हैं।

गौरतलब है कि तत्कालीन वित्त मंत्री ने 2016-17 के अपने बजट भाषण में सतत विकास लक्ष्यों (SDG)) को पूरा करने के लिये पंचायती राज संस्थानों की शासन संबंधी क्षमताओं को विकसित करने के लिये राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (RGSA) की नई पुनर्गठित योजना शुरू करने की घोषणा की थी।

आईएएनएस(LG)

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