Russia-Ukraine Conflict: आखिर क्या कारण है रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का?

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रूस ने यूक्रेन(Ukraine) पर चढ़ाई शुरू कर दी है, साथ ही रूस(Russia) ने सभी देशों को यह चेतावनी भी दी है कि 'विश्व इस युद्ध से दूर रहे'। आपको बता दें कि रूस(Russia) की सेना ने सभी मोर्चों पर यूक्रेन को घेर लिया है, लेकिन यूक्रेन भी यह दावा कर रहा है कि उसने भी रूस को भीषण नुकसान पहुँचाया है। लेकिन आप यदि अभी भी नहीं समझ पा रहे हैं कि रूस और यूक्रेन(Russia-Ukraine Conflict) में किस मुद्दे को टकराव है, तो यह खबर जरूर पूरा पढ़ें।

सबसे पहले जान लें कि, कब शुरू हुआ था इन दोनों देशों के बीच विवाद

आपको बता दें कि रूस(Russia) ने वर्ष 2014 में यूक्रेन का हिस्सा रहे क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। इससे पहले भी रूस और यूक्रेन(Russia vs Ukraine) के बीच इस क्षेत्र को लेकर काफी तनाव बना हुआ था। ऐसा इसलिए क्योंकि सोवियत संघ ने इस क्रीमिया क्षेत्र को तोहफे के रूप में यूक्रेन को सौंपा था। जिसके बाद साल 2015 में फ्रांस और जर्मनी मध्यस्थता करते हुए रूस और यूक्रेन में शांति समझौता करवाया था। किन्तु अब फिर वह टकराव खुलकर सामने आ गया है।

क्या है रूस की मांग?

यूक्रेन और रूस में समझौते के बाद यूक्रेन पश्चिमी देशों से अपने अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध अच्छे बनाने में जुट गया, जो कि रूस को फूटी आंख न भाया। रूस नहीं चाहता था कि यूक्रेन के संबंध किसी भी पश्चिमी देश का अच्छे हों, साथ वह NATO का सदस्य बने। रूस का साफ-साफ कहना है कि यदि यूक्रेन को NATO देशों की तरफ से किसी भी प्रकार की मदद मिलती है, तो उसका अंजाम सभी को भुगतना होगा। आपको बता दें NATO का सदस्य बनना इसलिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यदि कोई तीसरा देश सदस्य देश पर हमला करता है तो सभी NATO देश एकजुट होकर उसका मुकाबला करेंगे।

रूस के इस हमले पर NATO की प्रतिक्रिया

यूक्रेन पर रूस के अकारण हमले पर नाटो महासचिव का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा कि "मैं यूक्रेन पर रूस के लापरवाह और अकारण हमले की कड़ी निंदा करता हूं, जो अनगिनत नागरिकों की जान जोखिम में डालता है। एक बार फिर, हमारी बार-बार चेतावनियों और कूटनीति में शामिल होने के अथक प्रयासों के बावजूद, रूस ने एक संप्रभु और स्वतंत्र देश के खिलाफ आक्रमण का रास्ता चुना है।"

हमले पर अमेरिका की प्रतिक्रिया

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के हमले बाद अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा "यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की आज रात मेरे साथ बातचीत की और हमने अभी-अभी अपना वार्तालाप समाप्त किया। मैंने रूसी सैन्य बलों के इस अकारण और अनुचित हमले की निंदा की। मैंने उन्हें उन कदमों के बारे में जानकारी दी जो हम आज रात UNSC में उनकी निंदा करने के लिए उठा रहे हैं।"

बाइडन ने इसके साथ कहा "उन्होंने मुझे दुनिया के नेताओं से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आक्रामकता के खिलाफ स्पष्ट रूप से बोलने और यूक्रेन के लोगों के साथ खड़े होने का आह्वान करने के लिए कहा।"

साथ ही रूस पर प्रतिबंध की बात करते हुए कहा "कल, मैं G7 के नेताओं के साथ बैठक करूँगा, और संयुक्त राज्य अमेरिका और हमारे सहयोगी रूस पर गंभीर प्रतिबंध लगाएंगे। हम यूक्रेन और यूक्रेन के लोगों को सहायता देना जारी रखेंगे"

इस हमले से रूस पर क्या पड़ेगा प्रभाव?

रूस अच्छी तरह जनता है कि यूक्रेन पर किए गए हमले से उस पर कई प्रकार के प्रतिबंध लग सकते हैं, लेकिन वह इसलिए भी बेखौफ उन हमलों को अंजाम दे रहा है क्यूंकि वह जानता है कि विश्व की अर्थव्यवस्था में उसका भी बहुत बड़ा हाथ है और कई देशों के खरबों रुपये लगे हुए हैं। आपको बता दें कि पहले से भी रूस पर कई प्रकार के प्रतिबंध लग चुके हैं जो अब तक जारी हैं। इसलिए वह प्रतिबंधों की परवाह किए बिना यूक्रेन के खिलाफ अपने हमले जारी रखा हुआ है।

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