03 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि दुर्गा अष्टमी तिथि (Ashtami tithi) है। नवरात्रि में नौ दिन लोग मां के नौ रूपों की पूजा करते है। इन दिनों मां के नौ रूपों को पूजना शुभ माना जाता है। अष्टमी यानी आठवें नवरात्र को मां के आठवें स्वरूप यानी महागौरी की पूजा की जाती है। मां महागौरी को मां पार्वती का रूप माना जाता है और इन्हें ममता की मूरत कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति मां महागौरी (Mahagauri) की पूजा पूरे विधि विधान के साथ मन से करता है तो उसकी सभी मनोकामना पूरी होती है। और सारे बिगड़े हुए काम बन जाते है। घर में खुशियां आती है। सभी बीमारियों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते है उन उपायों के बारे के जिन्हें इस दिन करने से मनोकामना पूर्ण होती है।
आज के दिन गीता का पाठ करना चाहिए। चंद्रमा को दूध से अर्ध्य दे। मंदिर में भगवान शिव का दूध, गंगाजल व शहद से रुद्राभिषेक करें व शिव जी को बेल पत्र अर्पित करें। बांग्लामुखी अनुष्ठान व बजरंगबाण भी करनी चाहिए। मां काली की स्तुति करनी चाहिए। दान का बहुत महत्व है। आप इस दिन अत्यधिक पुण्य संचय कर सकते है।
क्या है शारदीय नवरात्रि दुर्गा अष्टमी का मुहूर्त?
वर्ष 2022 में शारदीय नवरात्रि या अष्टमी का दिन 3 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
अष्टमी तिथि 2 अक्टूबर शाम 6:47 बजे से 3 अक्टूबर को शाम 4:37 बजे तक रहेगी।
कुछ लोग पूरे 9 दिन उपवास नहीं रख पाते। वे पहले और आठवें दिन उपवास करते है।
यह व्रत बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह दिन किसी के जीवन में समृद्धि ला सकता है यह भाग्य का प्रतीक है।
जो लोग अष्टमी तिथि के दिन देवी दुर्गा की पूजा करते हैं वह सभी समस्याओं और पापों से छुटकारा पा सकते हैं।
(PT)