
आईपीएल 2025 का 27वां मुकाबला क्रिकेट प्रेमियों के लिए हमेशा यादगार रहेगा। इस मैच में सनराइजर्स हैदराबाद के युवा बल्लेबाज़ अभिषेक शर्मा (Abhishek Sharma) ने ऐसी पारी खेली, जिसने सभी को हैरान कर दिया। उन्होंने न सिर्फ़ दर्शक, बल्कि पूर्व क्रिकेटर और टीम इंडिया के दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह भी उनके दीवाने हो गए। युवराज ने मजाकिया अंदाज में उनकी तारीफ करते हुए लिखा था कि "वाह शर्मा जी के बेटे... 98 पर सिंगल, फिर 99 पर सिंगल! इतनी मैच्योरिटी हजम नहीं हो रही। बेहतरीन पारी खेली अभिषेक शर्मा।"
12 अप्रैल को राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में खेले गए इस मैच में सनराइजर्स हैदराबाद का सामना पंजाब किंग्स से हुआ। इसके बाद अभिषेक शर्मा ने 247 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने पारी की शुरुआत से ही आक्रामक अंदाज़ अपनाया। उन्होंने सिर्फ़ 55 गेंदों में 141 रन बना डाले। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 256.36 रहा। उनकी बल्लेबाज़ी की बदौलत हैदराबाद ने मात्र 18.3 ओवर में ही दो विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया।
अभिषेक (Abhishek Sharma) की सूझबूझ और शानदार शॉट्स को देखकर युवराज खुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि "वाह शर्मा जी के बेटे" यह कह कर युवराज ने न सिर्फ़ अभिषेक की, बल्कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ ट्रेविस हेड की भी तारीफ की, जिन्होंने अर्धशतक लगाया था।
अभिषेक शर्मा की इस शतक वाली पारी को खास बनाने वाला एक और पहलू था। इसमें पहली बार उनके माता-पिता स्टेडियम में मौजूद थे, और पारी के दौरान उनके पिता राजकुमार शर्मा भावुक भी हो गए। उन्होंने यह खुलासा किया कि वो अंधविश्वास की वजह से कभी स्टेडियम नहीं जाते थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि उनके मौजूद रहने पर बेटा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएगा। लेकिन इस बार उन्होंने अपनी सोच तोड़ी और बेटे को मैदान पर तूफानी पारी खेलते देखा।
राजकुमार शर्मा खुद एक अच्छे क्रिकेटर हैं और फर्स्ट क्लास क्रिकेट (Cricket) खेल चुके हैं। वो कहते हैं कि "मेरी मां कहा करती थीं कि बेटा अगर तू इंडिया नहीं खेल पाया, तो तेरा बेटा ज़रूर खेलेगा।" उनकी मां का कहा हुआ बात सच हो गया और वह सपना सच हो चुका है। वो मानते हैं कि हर माता-पिता की यही इच्छा होती है कि उनका बच्चा मेहनत करके अपने पैरों पर खड़ा हो और सफलता पाए।
अभिषेक का क्रिकेट (Cricket) का सफ़र बचपन से ही शुरू हो गया था। तीन-चार साल की उम्र में वो अपने पिता का बैट उठाने की कोशिश करते थे। उसके कुछ समय बाद उनके पिता ने उन्हें प्लास्टिक का बैट दिला दिया। तभी से उनका क्रिकेट के प्रति जुनून बढ़ता गया। वो बचपन में हमेशा बहनों और मां से बॉल फेंकने के लिए कहते और खुद लगातार बल्लेबाज़ी का अभ्यास करते थे।
अभिषेक (Abhishek Sharma) न सिर्फ़ क्रिकेट (Cricket) में अच्छे थे बल्कि पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रहे। वो दिल्ली पब्लिक स्कूल, अमृतसर के छात्र रहे और हर क्लास में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाते थे। उनके पिता बताते हैं कि टूर्नामेंट के बीच में भी वो पेपर देने आते और शानदार नंबर लाते थे। पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन ने जब अंडर -12 और अंडर - 14 टीम के लिए कैंप लगाया, तो अभिषेक और शुभमन गिल दोनों का चयन हुआ।उसके बाद दिग्गज कोच डी.पी. आज़ाद और अरुण बेदी ने तभी कह दिया था कि ये दोनों लड़के भारत के लिए खेलेंगे। इस भविष्यवाणी ने राजकुमार शर्मा के विश्वास को और मजबूत बना दिया।
राजकुमार शर्मा बैंक में नौकरी करते थे, लेकिन बेटे की ट्रेनिंग के लिए छुट्टी ले लिया करते थे। अंडर-14 के समय वो अभिषेक को 130 -140 की स्पीड की गेंदों से प्रैक्टिस कराते थे। धीरे-धीरे अभिषेक ने कप्तानी भी संभाली और रन बनाने के साथ विकेट भी झटके। अभिषेक ने अंडर -19 टीम की कप्तानी की और एशिया कप भी जिताया। इसके बाद वो राहुल द्रविड़ की देखरेख में नेशनल क्रिकेट एकेडमी पहुंचे, जहां उनके खेल में और निखार आ गया।
रणजी ट्रॉफी के दौरान अभिषेक की पहली बार युवराज सिंह से मुलाकात हुई, और एक मैच में उन्होंने युवराज के साथ बल्लेबाज़ी करते हुए तेज़तर्रार शतक लगाया। तभी से युवराज ने उन्हें ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी उठा ली। आपको बता दें अभिषेक भी युवराज को अपना आइडल मानते हैं। युवराज सिंह (Yuvraj Singh) न सिर्फ़ उन्हें तकनीक सिखाते हैं, बल्कि वो उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से भी मजबूती पर काम करवाते हैं। उनके पिता मानते हैं कि वर्ल्ड क्लास ऑलराउंडर से ट्रेनिंग मिलने का फायदा अभिषेक को मिल रहा है और आने वाले समय में वह और भी ऊंचाइयों तक पहुंचेंगे।
अभिषेक शर्मा (Abhishek Sharma) अब तक 21 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं और जिसमें उन्होंने 708 रन बनाए हैं। उनकी स्ट्राइक रेट 197.21 है। आपको बता दें वह सबसे तेज़ 50 छक्के लगाने वाले बल्लेबाज़ भी बन गए हैं। उन्होंने यह रिकॉर्ड महज़ 331 गेंदों में पूरा किया था और एविन लुइस का रिकॉर्ड तोड़ दिया था।
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पाकिस्तान के खिलाफ़ तूफ़ानी पारी के बाद वीरेंद्र सहवाग ने उन्हें अपना सलाह दिया था और समझाया था कि 70 तक पहुंचने के बाद उसे शतक में बदलना चाहिए। उसके बाद उन्होंने हंसते हुए कहा था कि थोड़ी देर में युवराज सिंह (Yuvraj Singh) भी यही सलाह देंगे। सहवाग की यह बात सच भी साबित हो गई। आज अभिषेक शर्मा को देखकर लगता है कि भारतीय क्रिकेट को नया सितारा मिल चुका है। उनकी बल्लेबाज़ी में सहवाग का आक्रामक अंदाज़ और युवराज की शालीनता दोनों झलकते हैं।
निष्कर्ष
अभिषेक शर्मा (Abhishek Sharma) की कहानी संघर्ष, मेहनत और सपनों को साकार करने की कहानी है। बचपन से क्रिकेट (Cricket) के प्रति जुनून, पिता का मार्गदर्शन, कोचों का विश्वास और युवराज सिंह (Yuvraj Singh) का साथ, इन सबने मिलकर उन्हें आज इस मुकाम तक पहुंचाया है। उनका शतक न सिर्फ़ आईपीएल की एक यादगार पारी है, बल्कि भारतीय क्रिकेट में एक नए अध्याय की शुरुआत भी है। [Rh/PS]