राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप: हिमांशु नांदल ने जीता सर्वश्रेष्ठ तैराक का पुरस्कार

हैदराबाद में 15 से 18 नवंबर तक आयोजित राष्ट्रीय पैरा तैराकी चैंपियनशिप 2025 में हिमांशु नांदल सर्वश्रेष्ठ तैराक बनकर उभरे। नांदल ने एस11 श्रेणी (100% दृष्टिबाधित) में तीन स्वर्ण पदक जीतकर सर्वश्रेष्ठ तैराक का पुरस्कार अपने नाम किया।
हिमांशु नांदल
हिमांशु नांदल ने जीता सर्वश्रेष्ठ तैराक का पुरस्कार IANS
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हिमांशु (Himanshu) ने तीन चुनौतीपूर्ण स्पर्धाओं में भाग लिया था। उन्होंने 50 मीटर फ्रीस्टाइल में 30.22 सेकंड का समय निकालते हुए स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक में भी 1:23.78 सेकंड का समय निकालते हुए स्वर्ण पदक जीता। 100 मीटर बैकस्ट्रोक में लगभग 1:14.00 सेकंड का समय लेकर उन्होंने स्वर्ण पदकों की हैट्रिक पूरी की।

तीन स्वर्ण पदक जीतने के बाद हिमांशु ने कहा, "50 मीटर फ्रीस्टाइल हमेशा शुद्ध गति और अपने स्ट्रोक पर आधारित होता है। मुझे खुशी है कि मैं अपना धैर्य बनाए रख सका और मजबूती से दौड़ पूरी कर सका। 100 मीटर बैकस्ट्रोक में लय, संतुलन और अपनी लाइन पर विश्वास जरूरी होता है। मुझे शुरू से ही नियंत्रण महसूस हुआ और दौड़ बिल्कुल वैसी ही रही जैसी मैंने तैयारी की थी।"

उन्होंने कहा, "100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक मेरी तकनीकी परीक्षा है, और इसमें दीवार को सबसे पहले छूना मेरे लिए बहुत मायने रखता है। मुझे अपने हर स्ट्रोक पर गर्व है।"

हिमांशु नांदल हरियाणा सें संबंध रखते हैं। उनका जन्म 25 मई, 2004 को रोहतक में हुआ था। हिमांशु ऑप्टिक नर्व फेल्योर के कारण जन्म से ही दृष्टिबाधित हैं। उनके परिवार ने हमेशा समर्थन दिया है और इसी वजह से उन्होंने अपने करियर में लगातार सफलता हासिल की है।

नांदल के नाम कई राष्ट्रीय रिकॉर्ड हैं। हांग्जो में चौथे एशियाई पैरा खेलों में उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया है। पेरिस 2024 पैरालिंपिक के लिए एमक्यूएस हासिल करने वाले वे पहले भारतीय दृष्टिबाधित तैराक बने। हैदराबाद में उनके प्रदर्शन ने भारत के सबसे होनहार पैरा-एथलीटों में से एक के रूप में उनकी स्थिति को और मजबूत किया है।

(BA)

हिमांशु नांदल
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