विराट की अपील बनी भगदड़ की वजह ? RCB जश्न में तबाही, 11 की मौत

RCB की जीत के जश्न में बेंगलुरु में मची भगदड़ (Stampede) में 11 लोगों की मौत हुई। कर्नाटक सरकार की रिपोर्ट में विराट कोहली (Virat Kohli) द्वारा बिना अनुमति फ्री इवेंट का प्रचार करने को लापरवाही माना गया। हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश, आयोजकों और प्रशासन की बड़ी चूक उजागर हुई।
सरकारी रिपोर्ट में विराट कोहली का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। कोहली RCB के सबसे चर्चित और लोकप्रिय चेहरों में से एक हैं।   (Sora AI)
सरकारी रिपोर्ट में विराट कोहली का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। कोहली RCB के सबसे चर्चित और लोकप्रिय चेहरों में से एक हैं। (Sora AI)
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3 जून 2025 को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने आईपीएल का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। बेंगलुरु शहर में खुशी की लहर दौड़ गई। खिलाड़ियों के स्वागत और जीत का जश्न मनाने के लिए 4 जून को एक “विक्ट्री परेड” आयोजित करने का ऐलान किया गया। इस घोषणा ने सोशल मीडिया पर आग की तरह फैलते हुए हजारों नहीं, लाखों फैन्स को एक साथ खींच लिया। लेकिन कोई नहीं जानता था कि यह जश्न एक भयावह हादसे में बदल जाएगा।

4 जून की दोपहर, बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी संख्या में लोग जमा होने लगे। सोशल मीडिया के ज़रिए आरसीबी की ओर से खुले आम लोगों को आमंत्रित किया गया था। यहां तक कि विराट कोहली (Virat Kohli) ने भी एक वीडियो में फैन्स से “फ्री में आने” की अपील की थी। करीब तीन लाख से ज्यादा लोग जुट गए। भीड़ को नियंत्रित करने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी। अचानक कार्यक्रम शुरू होने से कुछ देर पहले घोषणा की गई कि “स्टेडियम में एंट्री के लिए पास जरूरी है।” यह सुनते ही अफरातफरी मच गई। लोग गेट की ओर भागे, धक्का-मुक्की शुरू हुई और कुछ ही मिनटों में भगदड़ (Stampede) का ऐसा मंजर सामने आया, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।

इस दर्दनाक भगदड़ (Stampede) में 11 लोगों की जान चली गई, जबकि 47 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए। मरने वालों में महिलाएं और युवा भी शामिल थे, जो केवल अपने चहेते खिलाड़ियों की एक झलक पाने आए थे। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर आक्रोश फैल गया। लोग पूछने लगे, “इतनी बड़ी भीड़ की जिम्मेदारी किसकी थी ?” “क्या सुरक्षा इंतज़ाम किए गए थे ?” “क्या विराट कोहली जैसे बड़े स्टार को इस तरह की अपील करनी चाहिए थी?” हाल ही में कर्नाटक सरकार ने इस पूरी घटना पर एक विस्तृत रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की है।

सरकारी रिपोर्ट में विराट कोहली का नाम आना एक चेतावनी है, कि पब्लिक फिगर्स की एक बात, एक वीडियो लाखों लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह आरोप नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी की याद दिलाने वाला संकेत है।    (Sora AI)
सरकारी रिपोर्ट में विराट कोहली का नाम आना एक चेतावनी है, कि पब्लिक फिगर्स की एक बात, एक वीडियो लाखों लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह आरोप नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी की याद दिलाने वाला संकेत है। (Sora AI)

उसके बाद विराट कोहली (Virat Kohli) का एक वीडियो भी शेयर किया गया जिसमें उन्होंने फैन्स को “फ्री में आने” के लिए आमंत्रित किया। रिपोर्ट के अनुसार, कोहली के वीडियो का असर बहुत तेज़ हुआ और लाखों की भीड़ स्टेडियम के बाहर उमड़ पड़ी।

कार्यक्रम शुरू होने से कुछ ही देर पहले, दोपहर 3:14 बजे आयोजकों ने यह घोषणा कर दी कि स्टेडियम में एंट्री के लिए पास जरूरी होगा। जो लोग पहले से गेट पर खड़े थे, वो लोग अचानक गेट के अंदर घुसने की कोशिश करने लगे। RCB, DNA Networks और KSCA (कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन) के बीच कोई ठोस समन्वय नहीं था। गेट खोलने में हुई देरी और अव्यवस्था के कारण भगदड़ मच गई। स्थानीय पुलिस को इस भीड़ की उम्मीद नहीं थी। जब स्थति बिगड़ने लगी, तब पुलिस ने सीमित कार्यक्रम की अनुमति दी। इसके बावजूद भी स्थिति नियंत्रण से बाहर हो चुकी थी।

सरकारी रिपोर्ट में विराट कोहली (Virat Kohli) का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। कोहली RCB के सबसे चर्चित और लोकप्रिय चेहरों में से एक हैं। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि विराट कोहली (Virat Kohli) का वीडियो एक “प्रेरक अपील” के रूप में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसने भीड़ को आकर्षित करने में अहम भूमिका निभाई। वीडियो में उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि “फैंस फ्री में इवेंट में शामिल हो सकते हैं।” हालांकि, विराट कोहली की मंशा पर कोई सवाल नहीं उठाया गया, लेकिन रिपोर्ट में बताया गया कि एक स्टार खिलाड़ी के बयान से बड़ी संख्या में भीड़ जुटी, जिससे प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था बिगड़ गई।

4 जून की दोपहर, बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी संख्या में लोग जमा होने लगे। सोशल मीडिया के ज़रिए आरसीबी की ओर से खुले आम लोगों को आमंत्रित किया गया था।    (Sora AI)
4 जून की दोपहर, बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी संख्या में लोग जमा होने लगे। सोशल मीडिया के ज़रिए आरसीबी की ओर से खुले आम लोगों को आमंत्रित किया गया था। (Sora AI)

कर्नाटक सरकार की ओर से हाईकोर्ट में पेश की गई इस रिपोर्ट ने कई अहम सवाल उठाए हैं, जैसे क्या आयोजक कानून का पालन करने में नाकाम रहे ?, क्या RCB जैसी प्रोफेशनल टीम को सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए थी ?, क्या किसी बड़े स्टार द्वारा बिना प्लानिंग की गई अपील सार्वजनिक व्यवस्था पर असर डाल सकती है ?, हाईकोर्ट इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है और सभी पक्षों से पूछताछ भी कर ली गई है।

हादसे के बाद राज्य सरकार और प्रशासन ने कुछ तात्कालिक कदम उठाए, जैसे मजिस्ट्रेट और न्यायिक जांच के आदेश दिए गए।, FIR दर्ज की गई और इवेंट आयोजकों पर केस दर्ज हुआ।, कुछ पुलिस अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई।, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव को सस्पेंड कर दिया गया।,इंटेलिजेंस चीफ का तबादला कर दिया गया। घायलों को मुआवज़ा देने की घोषणा की गई।

सोशल मीडिया पर जनता का गुस्सा अभी भी थमा नहीं है। लोग पूछ रहे हैं कि “क्या किसी फैन की जान एक मैच जितने की खुशी से कम है ?” बहुत से लोग विराट कोहली के खिलाफ बोल रहे हैं, वहीं कुछ लोग कह रहे हैं कि कोहली की मंशा गलत नहीं थी, गलती प्रबंधन की थी। लेकिन एक बात साफ है, RCB और प्रशासन दोनों ने सुरक्षा को लेकर लापरवाही की।

यह हादसा सिर्फ एक भगदड़ नहीं, बल्कि व्यवस्थागत लापरवाही की गंभीर मिसाल है। एक फ्री इवेंट, एक सोशल मीडिया पोस्ट, और एक अव्यवस्थित भीड़ ये सब मिलकर एक ऐसा हादसा बन गया जिसने 11 जिंदगियों को खत्म कर दिया। आने वाले समय में ज़रूरी है किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम के लिए स्पष्ट अनुमति और सुरक्षा व्यवस्था हो।,सोशल मीडिया का उपयोग सोच-समझकर किया जाए, खासकर जब सार्वजनिक भीड़ की बात हो।, बड़े स्टार्स और संस्थानों को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का एहसास हो।

यह हादसा सिर्फ एक भगदड़ नहीं, बल्कि व्यवस्थागत लापरवाही की गंभीर मिसाल है। एक फ्री इवेंट, एक सोशल मीडिया पोस्ट, और एक अव्यवस्थित भीड़ ये सब मिलकर एक ऐसा हादसा बन गया जिसने 11 जिंदगियों को खत्म कर दिया।    (Sora AI)
यह हादसा सिर्फ एक भगदड़ नहीं, बल्कि व्यवस्थागत लापरवाही की गंभीर मिसाल है। एक फ्री इवेंट, एक सोशल मीडिया पोस्ट, और एक अव्यवस्थित भीड़ ये सब मिलकर एक ऐसा हादसा बन गया जिसने 11 जिंदगियों को खत्म कर दिया। (Sora AI)

निष्कर्ष

सरकारी रिपोर्ट में विराट कोहली (Virat Kohli) का नाम आना एक चेतावनी है, कि पब्लिक फिगर्स की एक बात, एक वीडियो लाखों लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह आरोप नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी की याद दिलाने वाला संकेत है। RCB और कोहली दोनों को यह समझना होगा कि लोकप्रियता के साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी आती है। और जब लाखों लोग आपके एक इशारे पर सड़कों पर उतर आते हैं, तब आपकी हर बात में भारी असर होता है, और कभी-कभी जानलेवा भी हो सकता। [Rh/PS]

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