नागालैंड के चार लाख मतदाताओं में से कोई नहीं आया वोट देने, सड़कों पर भी छाया रहा सन्नाटा

नागालैंड के छह पूर्वी जिलों में हुए चुनाव में मतदानकर्मी बूथों पर नौ घंटे इंतजार करते रहे, लेकिन यहां के चार लाख मतदाताओं में से एक भी मतदान करने नहीं आया। यहां तक कि पूर्वी नागालैंड के 20 विधानसभा क्षेत्रों के विधायक भी वोट देने नहीं पहुंचे।
No Voters Turnout in Nagaland :चार लाख मतदाताओं में से एक भी मतदान के लिए घर से बाहर नहीं निकला।(Wikimedia Commons)
No Voters Turnout in Nagaland :चार लाख मतदाताओं में से एक भी मतदान के लिए घर से बाहर नहीं निकला।(Wikimedia Commons)
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No Voters Turnout in Nagaland : लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 102 सीटों के लिए मतदान हुआ। इन सीटों पर कुल मिलाकर 60 फीसदी मतदान हुआ। नागालैंड के छह पूर्वी जिलों में हुए चुनाव में मतदानकर्मी बूथों पर नौ घंटे इंतजार करते रहे, लेकिन यहां के चार लाख मतदाताओं में से एक भी मतदान करने नहीं आया। यहां तक कि पूर्वी नागालैंड के 20 विधानसभा क्षेत्रों के विधायक भी वोट देने नहीं पहुंचे। पूर्वी नागालैंड के छह जिलों में 738 से अधिक मतदान केंद्र बनाए गए थे। आपको बता दें कि इस बार वोटिंग में करीब 26 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखी गई।

क्यों नहीं आए लोग वोट देने

नागालैंड में हुए चुनाव में लोगों की प्रतिक्रिया देख कर अब यह सवाल उठता है कि आखिर इन छह जिलों में मतदान क्यों नहीं हुआ? दरअसल, बताया जा रहा है कि ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स आर्गनाइजेशन ने फ्रंटियर नागालैंड टेरिटरी की मांग पर दबाव बनाने के लिए लोकसभा चुनाव शुरू होने से कुछ घंटे पहले राज्य के पूर्वी हिस्से में शाम 6 बजे से अनिश्चितकालीन पूर्ण बंद लगा दिया। संगठन ने यह भी आगाह किया कि यदि कोई व्यक्ति मतदान करने जाता है और कोई कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती है, तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित मतदाता की होगी। इसी कारण चार लाख मतदाताओं में से एक भी मतदान के लिए घर से बाहर नहीं निकला।

ईएनपीओ 2010 से ही एक अलग राज्य की मांग कर रहा है। (Wikimedia Commons)
ईएनपीओ 2010 से ही एक अलग राज्य की मांग कर रहा है। (Wikimedia Commons)

चुनाव अधिकारियों ने कहा कि ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स आर्गनाइजेशन ने विभिन्न नागा समूहों के लोगों से मतदान से दूर रहने का आह्वान किया था। जिसका व्यापक असर देखने को मिला और किसी ने भी वोट नहीं डाला।

सड़कों पर भी छाया रहा सन्नाटा

चुनाव अधिकारियों ने आगे बताया कि जिला प्रशासन और अन्य आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर पूर्वी नागालैंड की प्रमुख सड़कों पर लोगों या वाहनों की कोई आवाजाही नहीं थी। नागालैंड के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी आवा लोरिंग ने कहा कि मतदानकर्मी सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक बूथों पर मौजूद रहे। नागालैंड के पूर्वी भाग में बसे 6 जिलों- मोन, तुएनसांग, लॉन्गलेंग, किफिरे, नोकलाक और शामतोर में लगभग 4 लाख वोटर हैं। राज्य की 60 में से 20 विधानसभा सीटें इन 6 जिलों में आती हैं। पूरे नागालैंड की बात की जाए तो कुल 13.25 लाख मतदाता हैं।

ईएनपीओ मांग रहा अलग राज्य

ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स आर्गनाइजेशन पूर्वी नागालैंड में आदिवासियों का सबसे बड़ा संगठन है। ईएनपीओ पूर्वी नागालैंड को नागालैंड से एक अलग राज्य - फ्रंटियर नागालैंड क्षेत्र की मांग कर रहा है। ईएनपीओ 2010 से ही एक अलग राज्य की मांग कर रहा है। ईएनपीओ का यह आरोप है कि लगातार सरकारों ने इस क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास नहीं किया है।

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