इस राज्य में राजधानी को लेकर मचा बवाल, आंध्र प्रदेश में आ सकता है 'थ्री कैपिटल बिल’

दिसंबर 2019 में जगन मोहन रेड्डी नया बिल लेकर आए, इसे 'थ्री कैपिटल बिल' भी कहा जाता है। इसमें प्रावधान था कि आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां बनेंगी। पहली होगी विशाखापट्टनम, जहां से प्रशासनिक काम होगा, दूसरी होगी अमरावती, जहां विधानसभा होगी और तीसरी होगी कुर्नूल जहां हाईकोर्ट होगा।
Hyderabad : 2 जून 2014 को आंध्र से अलग होकर तेलंगाना 29वां राज्य बना था।(Wikimedia Commons)
Hyderabad : 2 जून 2014 को आंध्र से अलग होकर तेलंगाना 29वां राज्य बना था।(Wikimedia Commons)

Hyderabad: अब तक हैदराबाद तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों की राजधानी हुआ करती थी, लेकिन अब से हैदराबाद सिर्फ तेलंगाना की ही राजधानी होगी। 2014 के आंध्र प्रदेश रिऑर्गनाइजेशन एक्ट के कारण हैदराबाद 2 जून से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की साझा राजधानी नहीं रही। 2014 में आंध्र प्रदेश का बंटवारा होने के बाद हैदराबाद को 10 साल के लिए दोनों राज्यों की राजधानी बनाया गया था। दरअसल, 2 जून 2014 को आंध्र से अलग होकर तेलंगाना 29वां राज्य बना था।

हैदराबाद भारत के सबसे बड़े मेट्रो शहरों में से एक है। दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों के दफ्तर यहीं हैं। हैदराबाद की जीडीपी 200 अरब डॉलर के पार जाने की उम्मीद है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने पिछले महीने अधिकारियों को 2 जून के बाद लेक व्यू गवर्नमेंट गेस्ट हाउस जैसी सरकारी इमारतों को कब्जे में लेने को कहा था।

क्या है रिऑर्गनाइजेशन एक्ट

आंध्र प्रदेश रिऑर्गनाइजेशन एक्ट की धारा 5 (1) के अनुसार, हैदराबाद को 2 जून 2014 से अगले 10 साल के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की संयुक्त राजधानी बनाया गया था। इस कानून की धारा 5(2) में कहा गया था कि 10 साल बाद हैदराबाद सिर्फ तेलंगाना की राजधानी रहेगी और आंध्र प्रदेश की नई राजधानी बनाई जाएगी।

जगन मोहन रेड्डी का 'थ्री कैपिटल बिल’

नायडू सरकार में अमरावती को राजधानी बनाने का काम तेजी से चल रहा था। लेकिन 2019 में सरकार बदल गई और वाईएस जगन मोहन रेड्डी की अगुवाई में वाईएसआर कांग्रेस की सरकार बनी। जगन मोहन रेड्डी की सरकार बनने के बाद अमरावती के निर्माण का काम रूक गया। इसके बाद दिसंबर 2019 में जगन मोहन रेड्डी नया बिल लेकर आए, इसे 'थ्री कैपिटल बिल' भी कहा जाता है। इसमें प्रावधान था कि आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां बनेंगी। पहली होगी विशाखापट्टनम, जहां से प्रशासनिक काम होगा, दूसरी होगी अमरावती, जहां विधानसभा होगी और तीसरी होगी कुर्नूल जहां हाईकोर्ट होगा।

 2014 में आंध्र प्रदेश का बंटवारा होने के बाद हैदराबाद को 10 साल के लिए दोनों राज्यों की राजधानी बनाया गया था। (Wikimedia Commons)
2014 में आंध्र प्रदेश का बंटवारा होने के बाद हैदराबाद को 10 साल के लिए दोनों राज्यों की राजधानी बनाया गया था। (Wikimedia Commons)

हाईकोर्ट ने नहीं दी अनुमति

जबकि सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। मार्च 2022 में हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार अपनी मर्जी से तीन राजधानियां नहीं बना सकती। इसके साथ ही अदालत ने सरक को अमरावती को राजधानी बनाने के लिए चल रहे निर्माण कार्य को छह महीने में पूरा करने का निर्देश भी दिया। लेकिन फिर नवंबर 2022 में आंध्र सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और पिछले साल जनवरी में मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने ऐलान किया था कि आंध्र प्रदेश की नई राजधानी विशाखापट्टनम होगी।

क्या होगा जब बनेगी तीन राजधानियां ?

फिलहाल तीन राजधानियों का मसला सुप्रीम कोर्ट में है लेकिन सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल जाती है और आंध्र में तीन राजधानियां बनती हैं तो ये पहला राज्य होगा, जिसकी तीन-तीन राजधानी होगी। यदि ऐसा होता है तो तीनों राजधानियों से अलग-अलग काम होगा।

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