एक ऐसे नेता जो दिन में पुरुष और रात में धारण कर लेते थे महिला का रूप

तेलुगु फिल्मों के लोकप्रिय हीरो एनटी रामा राव आंध्र प्रदेश की राजनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। उन्होंने तेलुगुदेशम के नाम से अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाई। फिर साल 1984 में भारी बहुमत से जीतकर आंध्र प्रदेश में अपनी सरकार बनाई।
N T Rama Rao : साल 1984 में भारी बहुमत से जीतकर आंध्र प्रदेश में अपनी सरकार बनाई। (Wikimedia Commons)
N T Rama Rao : साल 1984 में भारी बहुमत से जीतकर आंध्र प्रदेश में अपनी सरकार बनाई। (Wikimedia Commons)
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N T Rama Rao : चंद्रबाबू नायडू के लिए कहा जाता है कि उन्होंने अपने ससुर से विद्रोह करके उनकी सियासी पार्टी पर कब्जा कर लिया। उनके ससुर को लोग ड्रामा राव भी कहते हैं। वह वहां राज्य में अजीबोगरीब हरकत करने के लिए जाने जाते थे। उनकी सबसे अजीब हरकत तो यही थी कि वह दिन में पुरुष के तौर पर नजर आते थे तो रात में स्त्री वेष धर लेते थे। जब लोगों को इस बात का पता चला तो पहले विश्वास नहीं किया, फिर मजाक बनाने लगे। उनका ये किस्सा इतना लोकप्रिय हुआ कि आज भी जो इसे जानता है वह आश्चर्य में पड़ जाता है कि एक पुरुष नेता रात में कैसे स्त्री बन जाता था।

पहले हीरो थे एनटी रामा राव

तेलुगु फिल्मों के लोकप्रिय हीरो एनटी रामा राव आंध्र प्रदेश की राजनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। उन्होंने तेलुगुदेशम के नाम से अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाई। फिर साल 1984 में भारी बहुमत से जीतकर आंध्र प्रदेश में अपनी सरकार बनाई। वह केवल कुछ ही सालों में दक्षिण भारत के शीर्ष नेताओं में शामिल हो गए, परंतु उनकी महत्वाकांक्षा यहीं नहीं रुकी इसके बाद भी वह राष्ट्रीय राजनीति में आकर प्रधानमंत्री बनना चाहते थे।

 वह ये काम बुरी नजरों से बचने के लिए किया करते थे। (Wikimedia Commons)
वह ये काम बुरी नजरों से बचने के लिए किया करते थे। (Wikimedia Commons)

रात में पहन लेते थे साड़ी

त्य़ागी ने अपने लेख में लिखा है कि उन दिनों ये आम चर्चा बनी हुई थी कि किसी ज्योतिषी के कहने पर वो रात में स्त्री वस्त्र धारण करने लगे। वह रात में अपने पुरुष वस्त्रों को छोड़ कर साड़ी, ब्लाउज पहन लेते थे। पहले तो लोगों को उनका स्त्री बनना बेहद अजीबोगरीब लगा लेकिन फिर ये बात फैलने लगी। इस बारे में ये भी कहा जाता है कि वह ये काम बुरी नजरों से बचने के लिए किया करते थे।

लॉकेट में रखते थे मां की राख

जून 1984 में वह कोरोनरी बाईपास सर्जरी के लिए अमेरिका जा रहे थे। उससे पहले उन्होंने पत्रकारों को एक लॉकेट दिखाया, जो उन्होंने पहना था। उन्होंने कहा कि इसमें उनकी मां की राख है। उन्होंने बताया कि जब भी उन्हें कोई समस्या आती है, तो वे लॉकेट से एक चुटकी राख लेकर एक गिलास पानी में डालकर पी जाते थे, जिससे उन्हें सही निर्णय लेने के लिए मन को शांति मिलता था। इसके बाद उनके ऊपर शव पूजा करने के आरोप भी लगे। बाद में जब ये बात फैलने लगी तो उन्हें सफाई देनी पड़ी कि वह किसी भी तरह की रहस्यमयी क्रियाकलापों में लिप्त नहीं हैं।

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