असम में 4,004 बाल विवाह के मामले दर्ज

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कहा कि राज्य भर में कुल 4,004 बाल विवाह के मामले दर्ज किए गए हैं और आने वाले दिनों में पुलिस कार्रवाई और तेज की जाएगी।
असम में 4,004 बाल विवाह के मामले दर्ज( सांकेतिक /Wikimedia Commons)

असम में 4,004 बाल विवाह के मामले दर्ज( सांकेतिक /Wikimedia Commons)

असम

Published on
2 min read

न्यूज़ग्राम हिंदी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कहा कि राज्य भर में कुल 4,004 बाल विवाह के मामले दर्ज किए गए हैं और आने वाले दिनों में पुलिस कार्रवाई और तेज की जाएगी। सरमा ने ट्विटर पर असम पुलिस की रिपोर्ट साझा करते हुए कहा, असम सरकार राज्य में बाल विवाह के खतरे को समाप्त करने के अपने संकल्प में दृढ़ है। अब तक असम पुलिस ने राज्य भर में 4,004 मामले दर्ज किए हैं आने वाले दिनों में और पुलिस कार्रवाई की संभावना है। मुकदमों पर कार्रवाई 3 फरवरी (शुक्रवार) से शुरू होगी। मैं सभी से सहयोग करने का अनुरोध करता हूं।

रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक 370 मामले धुबरी जिले में दर्ज किए गए, इसके बाद होजई (255) और उदलगुरी में 235 मामले दर्ज किए गए हैं। गुवाहाटी पुलिस आयुक्तालय में कम से कम 192 मामले दर्ज किए गए थे। राज्य के दीमा हसाओ जिले में बाल विवाह के सबसे कम मामले दर्ज किए गए।

मुख्यमंत्री ने पहले ही राज्य पुलिस को बाल विवाह पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा था- नाबालिग लड़की से शादी करना न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह लड़की के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है और यह उसके स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और बाल विवाह निषेध अधिनियम के अनुसार, ऐसी युवतियों के पतियों को कैद और आरोपित किया जाएगा।

<div class="paragraphs"><p>असम में 4,004 बाल विवाह के मामले दर्ज(IANS)</p></div>

असम में 4,004 बाल विवाह के मामले दर्ज(IANS)

असम



राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए एक आधिकारिक सर्वेक्षण से परेशान करने वाले डेटा के बाद यह फैसला लिया, जिसमें पता चला था कि असम में औसतन 31 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 साल की कानूनी उम्र से पहले कर दी गई थी।

<div class="paragraphs"><p>असम में 4,004 बाल विवाह के मामले दर्ज( सांकेतिक /Wikimedia Commons)</p></div>
नेपाली महिला 4 साल से असम जेल में बंद, सजा पूरी होने पर भी नही किए गए घर भेजने के इंतजाम



सरमा ने कहा, इतनी बड़ी संख्या में कम उम्र की लड़कियों का बाल विवाह होना परेशान करने वाला है। राज्य सरकार ने पॉक्सो अधिनियम के तहत उन सभी पतियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का फैसला किया है, जो 18 साल की उम्र से पहले लड़की को गर्भवती करने के लिए जिम्मेदार हैं।

उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह के अपराध के लिए सजा आजीवन कारावास हो सकती है।

--आईएएनएस/VS

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com