
मंगलवार को गुवाहाटी (Guwahati) के बाहरी इलाके सोनापुर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। राज्य सरकार ने यह फैसला उनके परिवार से बात करने के बाद लिया।
रविवार सुबह जब जुबिन गर्ग (Zubin Garg) का पार्थिव शरीर उनके गृहनगर गुवाहाटी पहुंचा, तो हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई अपने चहेते गायक को एक आखिरी बार देखने के लिए सड़क पर उतर आया। माहौल बेहद भावुक और गमगीन हो गया।
एयरपोर्ट (Airport) से लेकर उनके घर तक के रास्ते में लोग फूल बरसा रहे थे, उनकी तस्वीरें और बैनर हाथों में लिए हुए थे, और जुबिन के गाने गाते हुए उन्हें अंतिम विदाई दे रहे थे।
जुबिन गर्ग के पार्थिव शरीर को दिल्ली से एक विमान द्वारा लाया गया था। विमान सुबह 7 बजे के करीब गुवाहाटी के गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (International Airport) पर उतरा।
सिंगापुर में शुक्रवार को हादसे में उनका निधन हो गया था। वहां से शनिवार रात को उनका शव दिल्ली लाया गया, जहां खुद मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने एयरपोर्ट पर जाकर उनका पार्थिव शरीर रिसीव किया।
एयरपोर्ट पर जब जुबिन की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग (Garima Saikia Garg) ने ताबूत को देखा तो वह अपने आंसुओं को रोक नहीं सकीं। उन्होंने जुबिन के ताबूत पर असम की परंपरा के अनुसार एक गमोसा और फूल अर्पित किए। इसके बाद वह एंबुलेंस के साथ गुवाहाटी के काहिलीपारा स्थित घर तक गईं। इस यात्रा में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।
इस भावुक यात्रा में राज्य सरकार के कई बड़े अधिकारी भी शामिल रहे। मुख्यमंत्री सरमा, केंद्रीय मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा, असम पुलिस के महानिदेशक हरमीत सिंह और गुवाहाटी पुलिस कमिश्नर पार्थसारथी महंत भी इस अंतिम यात्रा में मौजूद रहे।
जुबिन गर्ग सिर्फ एक गायक नहीं थे, वे असम की आत्मा की आवाज थे। उन्होंने न केवल असमिया, बल्कि हिंदी, बांग्ला और कई भाषाओं में गाने गाकर करोड़ों दिलों को छुआ। उनके निधन से पूरा असम शोक में डूबा है।
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