![Zubeen Garg [Sora Ai]](http://media.assettype.com/newsgram-hindi%2F2025-09-22%2Fdw2b1mb7%2Fassetstask01k5rzaregfcwrrhr8jy7dtb371758553630img1.webp?w=480&auto=format%2Ccompress&fit=max)
ज़ुबीन गर्ग [Zubeen Garg] सिर्फ एक गायक नहीं थे, बल्कि असम की आत्मा और वहाँ की संस्कृति की धड़कन थे। उनकी आवाज़ में ऐसा जादू था जो न केवल युवाओं को मोह लेता था, बल्कि बुज़ुर्गों के दिलों को भी गहराई से छू जाता था। ज़ुबीन की खासियत यह थी कि वे हर वर्ग और हर उम्र के लोगों को जोड़ लेते थे। उन्होंने असमिया, हिंदी और कई अन्य भाषाओं में गाकर संगीत को सीमाओं से परे पहुँचा दिया। चाहे लोकगीत हों, पॉप म्यूज़िक, भक्ति गीत या फिल्मी गाने हर शैली में उनकी पकड़ अद्भुत थी।
उनकी आवाज़ में वह भावनात्मक ताक़त थी जो लोगों को उनके गीतों से जोड़ देती थी। ज़ुबीन ने न केवल असम की संस्कृति को संगीत के ज़रिये जीवित रखा, बल्कि अपनी कला से उसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुँचाया। यही कारण है कि उनकी लोकप्रियता सिर्फ एक कलाकार तक सीमित नहीं रही, बल्कि वे असम की पहचान और गौरव बन गए।
ज़ुबीन गर्ग [Zubeen Garg] ने असम के संगीत और संस्कृति को नई पहचान दी। उन्होंने लोकसंगीत को आधुनिक धुनों के साथ मिलाकर युवाओं को अपनी संस्कृति से जोड़े रखा। उनके गीत सिर्फ मनोरंजन नहीं थे, बल्कि सामाजिक संदेश और असम की परंपराओं का प्रतिबिंब थे। उनकी आवाज़ ने असम की नदियों, पर्वतों और जनजीवन को सुरों में पिरो दिया। ज़ुबीन ने नई पीढ़ी को यह एहसास दिलाया कि अपनी जड़ों से जुड़ना गर्व की बात है। उनकी लोकप्रियता सिर्फ संगीत तक सीमित नहीं थी, बल्कि वे असम के युवाओं के लिए सपनों और संघर्ष का प्रतीक बन चुके थे।
ज़ुबीन गर्ग [Zubeen Garg] का संगीत करियर असमिया गीतों से शुरू हुआ और धीरे-धीरे उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। वे बचपन से ही संगीत के प्रति समर्पित थे और शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली। असम में उन्होंने कई हिट एल्बम दिए, जिनसे वे घर-घर में लोकप्रिय हो गए। बाद में उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी अपनी आवाज़ दी और बॉलीवुड में अपनी जगह बनाई। उनका गाया गीत “या अली” (फिल्म: गैंगस्टर, 2006) आज भी बेहद लोकप्रिय है और इसने उन्हें पूरे भारत में पहचान दिलाई। इसके अलावा “दिल तू ही बता” (कृष 3) और कई अन्य गाने भी उनकी गायकी की विविधता को दर्शाते हैं। असमिया गीतों में “O Bideshi Bondhu”, “Mayabini”, और “Anamika” जैसे गीत युवाओं के दिलों में गहराई से बसे हैं। ज़ुबीन का करियर इस बात का प्रतीक है कि कैसे एक क्षेत्रीय कलाकार मेहनत और प्रतिभा के दम पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँच सकता है।
जब ज़ुबीन गर्ग की मृत्यु की खबर आई तो पूरा असम गहरे सदमे में चला गया। शहर की सड़कों पर सन्नाटा छा गया, दुकाने बंद हो गईं और लोग शोक में डूब गए। ऐसा इसलिए क्योंकि ज़ुबीन सिर्फ एक गायक नहीं थे, बल्कि असम के हर घर का हिस्सा थे। उनकी आवाज़ त्योहारों में गूँजती थी, उनके गीतों से लोग प्रेरणा पाते थे और वे असम के गौरव थे। उनकी मौत ने लोगों को ऐसा महसूस कराया जैसे परिवार का कोई अपना चला गया हो। इसीलिए कहा गया कि उनकी मृत्यु ने असम को “पैरालाइज्ड” कर दिया क्योंकि लोगों की भावनाएँ, उत्सव और दैनिक जीवन सब कुछ ठहर सा गया था। [Rh/Eth/SP]