
11 नवंबर 2025 को बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की शुरुआत के साथ ही कई क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए। अधिकारियों ने 10 नवंबर 2025 को बताया कि चुनावी ड्यूटी के लिए चार लाख से अधिक सुरक्षा कर्मियों को लगाया गया है।
बिहार के मुख्य निर्वाचन कार्यालय ने प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि भागलपुर में दूसरे चरण के मतदान के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। पोस्ट के कैप्शन में लिखा था — “आइए, हम सब मिलकर मतदान करें। बिहार वोट करेगा, बिहार अपनी सरकार चुनेगा।”
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए मतदान 243 में से 122 विधानसभा क्षेत्रों में शुरू हो गया है।
भागलपुर: दूसरे चरण के मतदान में जिले के में हो रहे मतदान को लेकर तैनात सुरक्षा कर्मी। आओ चलो हम सब मिलकर वोट करने चलते हैं।
— Chief Electoral Officer, Bihar (@CEOBihar) November 11, 2025
वोट करेगा बिहार, अपनी सरकार चुनेगा बिहार#BiharElections2025#Biharvidhansabha2025#ElectionDay @ECISVEEP pic.twitter.com/YuBPo2DoEn
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण की वोटिंग मंगलवार, 11 नवंबर 2025 को सुबह 7:00 बजे शुरू होगी।
दूसरे चरण में 20 जिलों की 122 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा, जिसमें कुल 1,302 उम्मीदवार मैदान में हैं और 3.7 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। अधिकांश मतदान केंद्र शाम 6:00 बजे तक खुले रहेंगे, जबकि कुछ केंद्रों पर मतदान शाम 5:00 बजे तक ही होगा।
2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 42 सीटें, आरजेडी ने 33, जेडीयू ने 20, कांग्रेस ने 11 और वाम दलों ने 5 सीटें जीती थीं।
पहले चरण का मतदान 6 नवंबर 2025 को संपन्न हुआ था। यह चुनाव का अंतिम चरण है, जिसमें कुल 243 सीटों के लिए मतदान किया जा रहा है। नतीजे 14 नवंबर 2025 को घोषित किए जाएंगे, जबकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त होगा।
कुल 7.4 करोड़ मतदाता 2,616 उम्मीदवारों के बीच चुनावी जंग का फैसला करेंगे। मुकाबला मुख्य रूप से एनडीए, महागठबंधन और जन सुराज पार्टी के बीच त्रिकोणीय माना जा रहा है। सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को 122 सीटों का बहुमत चाहिए होगा।
रोहतास जिले की सासाराम सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी (BJP) के सुभाष सिंह, आरजेडी (RJD) के सत्येंद्र पासवान और आरएलएम (इंडिया गठबंधन समर्थित) की स्नेहलता कुशवाहा के बीच है। वर्ष 2020 में इस सीट पर 51.13% मतदान रहा, आरजेडी ने 46.54% वोटों के साथ जीत दर्ज की थी।
सीतामढ़ी जिले में मुकाबला बीजेपी के सुनील कुमार पिंटू, आरजेडी के सुनील कुमार और बीएसपी के राज नारायण शाह के बीच है। 2020 में इस सीट पर 61.86% मतदान रहा, बीजेपी ने 49.9% वोटों के साथ जीत हासिल की थी।
पश्चिम चंपारण जिले की रामनगर सीट पर मुकाबला बीजेपी के नंद किशोर यादव, आरजेडी के प्रमोद कुमार और जन सुराज पार्टी के अजय कुमार सिंह के बीच है। 2020 में इस सीट पर 64.41% मतदान रहा, बीजेपी ने 39.57% वोटों से जीत दर्ज की थी।
जमुई जिले की जमुई सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी की श्रेयसी सिंह, आरजेडी के विजय प्रकाश और जन सुराज पार्टी के अरुण कुमार के बीच है। 2020 में इस सीट पर 61.44% मतदान रहा, बीजेपी ने 43.89% वोटों के साथ जीत हासिल की थी।
पश्चिम चंपारण जिले की बेतिया सीट पर मुकाबला बीजेपी की रेनू देवी, कांग्रेस (इंडिया गठबंधन समर्थित) के संजय कुमार सिंह और जन सुराज पार्टी के मनीष कुमार के बीच है। 2020 में इस सीट पर 56.26% मतदान रहा, बीजेपी ने 52.83% वोटों से जीत दर्ज की थी।
सारण जिले की छपरा सीट पर मुकाबला बीजेपी की छोटी कुमारी, आरजेडी के सी. एन. गुप्ता और निर्दलीय (आरजेडी सहयोगी) खेसारी लाल यादव के बीच है। 2020 में इस सीट पर 50.99% मतदान रहा, बीजेपी ने 44.97% वोटों के साथ जीत हासिल की थी।
मधुबनी जिले में मुकाबला बीजेपी के नीरज कुमार बबलू, आरजेडी के मोहम्मद असगर हुसैन और जन सुराज पार्टी के प्रदीप कुमार के बीच है। 2020 में इस सीट पर 59.47% मतदान रहा, बीजेपी ने 47.69% वोटों के साथ जीत दर्ज की थी।
भागलपुर जिले में मुख्य मुकाबला जेडीयू के अजय मंडल, आरजेडी के शहनवाज़ मलिक और जन सुराज पार्टी के अजय कुमार के बीच है। 2020 में इस सीट पर 48.43% मतदान रहा, कांग्रेस ने 40.52% वोटों से जीत हासिल की थी।
पूर्वी चंपारण जिले की ढाका सीट पर मुकाबला बीजेपी के पवन कुमार जायसवाल, आरजेडी के फैसल रहमान और जन सुराज पार्टी के डॉ. एल. बी. प्रसाद के बीच है। 2020 में इस सीट पर 64.73% मतदान रहा, बीजेपी ने 48.01% वोटों से जीत दर्ज की थी।
सुपौल जिले की छत्तरपुर सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी के नीरज कुमार सिंह, आरजेडी के डॉ. विपिन कुमार सिंह और जन सुराज पार्टी के अभय कुमार सिंह के बीच है। वर्ष 2020 में यहां 65.18% मतदान रहा और बीजेपी ने 46.39% वोटों के साथ जीत हासिल की थी।
अररिया जिले की अररिया सीट पर मुकाबला जेडीयू की शगुफ्ता अज़ीम, कांग्रेस के अबिदुर रहमान और एआईएमआईएम के मोहम्मद मंज़ूर आलम के बीच है। 2020 में यहां 58.91% मतदान रहा और कांग्रेस ने 54.84% वोटों के साथ जीत दर्ज की थी।
विभिन्न सर्वे के अनुसार, एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला है, जबकि जन सुराज पार्टी नई ताकत के रूप में उभर रही है। मुख्य मुद्दे हैं, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, पलायन, खराब सड़कें और सरकारी सेवाओं की कमजोरी।
2020 के चुनाव में एनडीए ने 125 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी।
इस बार के नतीजे इसलिए भी खास हैं क्योंकि हाल ही में बिहार में "स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR)" हुआ था, जिसे लेकर विपक्ष ने सरकार पर "वोट चोरी" और चुनाव आयोग के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए थे।
अब जब चुनाव आयोग ने देशभर में इसी तरह का रिवीजन शुरू किया है, तो बिहार चुनाव 2025 को भारत के चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता की परीक्षा माना जा रहा है।
(RS)