

बिहार (Bihar) विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने पूरे राज्य में राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है। शुरुआती रुझानों में एनडीए (NDA) बहुमत को पार करती दिख रही है और सरकार बनाने की ओर बढ़ रही है। वहीं, तेजस्वी यादव की अगुवाई वाले महागठबंधन (Grand Alliance) को झटका लगते दिखाई दे रहा है। अब सबकी नजरें इस पर हैं कि बिहार में कौन सबसे बड़ी पार्टी बनेगी।
बीजेपी और जेडीयू में कांटे की टक्कर
एनडीए (NDA) के भीतर सबसे दिलचस्प मुकाबला बीजेपी और जेडीयू के बीच चल रहा है। 10:30 बजे तक के रुझानों के अनुसार, आपको बता दें बीजेपी (BJP) 84 सीटों पर आगे है जबकि जेडीयू 78 सीटों पर आगे है। दोनों ही दल पिछली बार बराबर सीटों पर चुनाव लड़ चुके थे। इस बार बीजेपी और जेडीयू ने 101-101 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे। पिछली बार जेडीयू ने सिर्फ 43 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी ने 73 सीटें हासिल की थीं। इस बार गठबंधन में सीटों का बंटवारा बदल गया था, जिससे जेडीयू के लिए चुनौती बढ़ गई थी।
नीतीश कुमार की वापसी की संभावना
एनडीए की बढ़त ने यह सवाल फिर से खड़ा कर दिया है कि क्या नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री बनेंगे। जेडीयू (JDU) के दमदार प्रदर्शन को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि नीतीश कुमार किसी भी समझौते पर नहीं जाएंगे। वहीं दूसरी ओर एनडीए ने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री का चेहरा नीतीश ही होंगे। अगर ऐसा हुआ तो नीतीश कुमार 2005 से लगातार सत्ता में रहते हुए 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
रुझानों में साफ दिखाई दे रहा है कि बीजेपी और जेडीयू की संयुक्त ताकत विपक्ष को काफी पीछे छोड़ रही है। बिहार में सवर्ण वोटों का झुकाव बीजेपी (BJP) की तरफ होते दिख रहा है, जबकि अति पिछड़ा वर्ग के वोट जेडीयू (JDU) के पक्ष में गए हैं। दोनों दलों ने अपने वोटों का असर भी बेहतर तरीके से दिखाया है। आपको बता दें महागठबंधन (Grand Alliance) को कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन से झटका लगा है, और राजद सिर्फ 41 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि कांग्रेस महज 7 सीटों पर सिमट गई है। पिछली बार कांग्रेस ने 19 सीटें जीती थीं। 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में बहुमत के लिए 122 सीटें आवश्यक हैं। इस बार ज्यादातर एग्जिट पोल एनडीए को विजयी दिखा रहे हैं। हालांकि, महागठबंधन (Grand Alliance) का कहना है कि युवाओं और दलित-पिछड़ों ने उन्हें वोट दिया है, इसलिए इस बार उनकी सरकार बनेगी और तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री होंगे।
नेताओं के बयान
नीतीश कुमार (जेडीयू) ने कहा की "बस कुछ ही घंटे का इंतजार है, फिर से सुशासन की सरकार आ रही है।" एनडीए (NDA) नेताओं में भारी उत्साह है क्योंकि एग्जिट पोल ने उनके पक्ष में संकेत दे दिया था। पप्पू यादव ने एनडीए पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनता ने बदलाव के लिए वोट किया है। उनका कहना है कि सीमांचल, कोसी और मिथिलांचल की स्थिति को देखकर ही निष्कर्ष निकाला जा सकता है। उनका मानना था कि बीजेपी बिना धनबल, झूठ और चोरी के चुनाव नहीं जीत सकती है। मनोज कुमार झा (आरजेडी) ने कहा कि "राज्य बदलाव की ओर बढ़ रहा है। दोपहर तक सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा, और उन्होंने कहा तेजस्वी यादव और महागठबंधन (Grand Alliance) के नेतृत्व में बदलाव निश्चित है।" उसके बाद उन्होंने एग्जिट पोल को पूंजी और बाज़ार का खेल बताते हुए कहा कि उनका गठबंधन इस खेल में शामिल नहीं है।
विजय सिन्हा (बीजेपी) का कहना है कि "चुनाव कौन जीतेगा, यह जनता तय करेगी, लेकिन बिहार (Bihar) की जनता परिवारवादी राजनीति और ‘जंगलराज के युवराज’ को इस बार साफ संदेश देगी।" उन्होंने कहा कि जो लोग चार्टर्ड प्लेन पर जन्मदिन मनाते हैं, जनता उन्हें नहीं छोड़ेगी। मृत्युंजय तिवारी (आरजेडी) ने कहा कि "मुझे विश्वास है कि महागठबंधन सरकार बनाएगा, और जनता ने अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए जनादेश दे दिया है। उसके बाद उन्होंने कहा है कि एनडीए की नींद हराम हो गया है और शाम तक स्थिति साफ हो जाएगी।" राजीव रंजन प्रसाद (जेडीयू) (JDU) ने कहा कि "जनता ने अपना जनादेश दे दिया है, और नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन को वोट मिला है। बिहार ने विकास की नई ऊंचाइयों पर कदम रख दिया है और मुझे विश्वास है कि एनडीए फिर से सरकार बनाएगी।"
निष्कर्ष
इस बार बिहार (Bihar) में राजनीतिक मुकाबला बेहद रोचक रहा है। एनडीए (NDA) बहुमत की ओर बढ़ रही है, लेकिन महागठबंधन (Grand Alliance) अभी भी अपनी उम्मीदों के सहारे खड़ा है। जेडीयू (JDU) और बीजेपी (BJP) के बीच की जंग बिहार की सियासत में नया अध्याय लिख सकती है। जनता ने मतदान कर के अपना संदेश दे दिया है, और अब कुछ ही घंटों में साफ हो जाएगा कि बिहार का असली विजेता कौन होगा, तेजस्वी यादव की युवा लहर, नीतीश कुमार का सुशासन मॉडल, या बीजेपी का संगठन बल। जनता का जनादेश ही तय करेगा कि बिहार किस दिशा में आगे बढ़ेगा। [Rh/PS]