![Bihar Survey 2023:- बिहार में कराई गई जातिय आधारित गणना ने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया।[Wikimedia Commons]](http://media.assettype.com/newsgram-hindi%2F2023-10%2F0e049aed-c12e-49a8-a346-273676edc627%2FPrime_Minister_Narendra_Modi_Narendra_Modi_in_Singapore__23795890516_.jpg?w=480&auto=format%2Ccompress&fit=max)
![Bihar Survey 2023:- बिहार में कराई गई जातिय आधारित गणना ने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया।[Wikimedia Commons]](http://media.assettype.com/newsgram-hindi%2F2023-10%2F0e049aed-c12e-49a8-a346-273676edc627%2FPrime_Minister_Narendra_Modi_Narendra_Modi_in_Singapore__23795890516_.jpg?w=480&auto=format%2Ccompress&fit=max)
बिहार में कराई गई जातिय आधारित गणना ने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया। नीतीश सरकार ने जो जाति जनगणना कराई थी उसकी रिपोर्ट सोमवार को जारी की गई इसके साथ ही बिहार में अलग-अलग जातियों के आंकड़ों और वर्गों का प्रतिशत भी सामने आ चुका है। जातिय आधारित गणना रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद नीतीश कुमार ने सर्वाधिक बैठक बुलाई जिसमें 9 दल शामिल हुए इस मीटिंग में कई दलों ने रिपोर्ट पर आपत्ति भी जताई। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी ने कहा कि उसका सामाजिक इंजीनियरिंग फार्मूला पिछड़ी जातियों को सशक्त बनाने में कहीं अधिक असरदार रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में मोर्चा संभाला और बस्तर के जगदलपुर में एक रैली में कहा कि विपक्ष देश को जाति के नाम पर बांटने की कोशिश कर रहा है। दिसंबर 2006 में राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में अपने पूर्ववर्ती पीएम मनमोहन सिंह के भाषण का जिक्र भी किया।
नरेंद्र मोदी ने अपनी भाषण में मनमोहन सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह कहते थे कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है। लेकिन अब कांग्रेस कह रही है कि समुदाय की आबादी तय करेगी कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार किसका होगा। तो क्या अब कांग्रेस अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कम करना चाहते हैं। क्या वे अल्पसंख्यकों को हटाना चाहते हैं? तो क्या सबसे बड़ी आबादी वाले हिंदुओं को आगे आकर अपने सभी अधिकार लेने चाहिए यह बात साबित करने के लिए की जाती सर्वे तुष्टिकरण की नीति है भाजपा नेता ने दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके पूर्ववर्ती लालू प्रसाद ने मुस्लिम अगड़ी जातियों को अत्यंत पिछड़ा वर्ग यानी ईबीसीएस श्रेणी में शामिल किया जिस हिंदू वास्तव में ईबीसी के आने से वंचित हो गए।
इबीसी को नीतीश कुमार का मुख्य आधार माना जा रहा है क्योंकि ईबीसी को नीतीश कुमार का मुख्य समर्थन प्राप्त है। वरिष्ठ सांसद और बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि 1996 से 2013 तक लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने अगले मुसलमान को ईबीसी श्रेणी में शामिल करने की कोशिश की।
सुरक्षित और शासक वर्ग के मुसलमान को ईबीसी श्रेणी में शामिल करके इन दोनों नेताओं और उनकी पार्टियों ने न केवल हिंदू समुदाय में वास्तविक ईबीसी के साथ बल्कि मुसलमान के साथ भी अन्याय किया। दिलचस्प बात तो यह है कि इन दोनों नेताओं ने कार्यकारी आदेशों के साथ मुसलमान को ईबीसी समुदाय में शामिल कर लिया इसके वास्तविक ईबीसी को मिलने वाला सारा आरक्षण खत्म हो गया।
सत्ता पक्ष की तरफ से आरजेडी कांग्रेस और वाम दलों ने जातीय आधारित गणना रिपोर्ट पर संतोष जाहिर किया डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने रिपोर्ट को ऐतिहासिक बताया उन्होंने इसी फॉर्मेट में देश के अंदर जातिय जनगणना कराई जाने की मांग भी राखी।
वाम दलों ने कहा कि सरकार अब आर्थिक और सामाजिक आंकड़े जारी कर नए सिरे से योजनाओं को समाज के कमजोर वर्ग तक पहुंचाने की दिशा में काम करें कुल मिलाकर नीतीश कुमार ने जाति आधारित गणना के जरिए जो मास्टर कार्ड खेला उसी पर आजाद तमाम दल बैठक में अपने-अपने हिसाब से बात करते नजर आए।