जानिए क्या हैं मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना, कैसे होगी इससे आय

वन विभाग द्वारा अब तक 19 हजार से अधिक हितग्राहियों के लगभग 30 हजार एकड़ निजी भूमि में वृक्षारोपण हेतु पंजीयन किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना (Wikimedia)

मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना (Wikimedia)

आय के स्रोत 

न्यूजग्राम हिंदी: छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) की पहचान नवाचार वाले राज्य की बन गई है। अब राज्य में किसानों की आय बढ़ाने के लिए वृक्षों के व्यवसायिक उपयोग को बढ़ावा देने की संभावनाओं को देखते हुए "मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना" को अमल में लाया जा रहा है। राज्य में कृषकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कृषकों की सहमति से उनकी भूमि पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जाना है। राज्य में इसके सफल क्रियान्वयन के लिए वर्ष 2023-24 के प्रस्तुत बजट में 100 करोड़ रूपए की राशि का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) द्वारा वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना लागू किये जाने की घोषणा के बाद इसके क्रयान्वयन की तैयारी में वन विभाग जुट गया है और तैयारियां जोरो पर हैं। वन विभाग द्वारा अब तक 19 हजार से अधिक हितग्राहियों के लगभग 30 हजार एकड़ निजी भूमि में वृक्षारोपण हेतु पंजीकरण किया जा चुका है।

<div class="paragraphs"><p>मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना (Wikimedia)</p></div>
क्या आपने कभी सोचा हैं कि गर्म दूध और पानी में से सिर्फ दूध ही बर्तन से बाहर क्यों निकलता हैं?

प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख संजय शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजनांतर्गत राज्य में इस वर्ष 12 प्रकार के प्रजाति के वृक्ष का 30 हजार एकड़ रकबे में रोपण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना अंतर्गत किसान, इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, पंचायत तथा भूमि अनुबंध धारक इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। राज्य शासन द्वारा एक वर्ष में 36 हजार एकड़ तथा 5 वर्षो में एक लाख 80 हजार एकड़ क्षेत्रफल में कुल 15 करोड़ वृक्षारोपण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजनांतर्गत राज्य शासन द्वारा पांच एकड़ तक वृक्षारोपण हेतु 100 प्रतिशत अनुदान तथा पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र में वृक्षारोपण हेतु 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान देगी।

आईएएनएस/PT

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com