![भारतीय लिबरल पार्टी के अध्यक्ष, डॉ. मुनीश कुमार रायज़ादा ने चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए पेपर ट्रेल्स को शामिल करने की मांग की है। [NewsGram]](http://media.assettype.com/newsgram-hindi%2F2025-02-18%2F0164pysy%2Fphoto6172374626265580425y.jpg?w=480&auto=format%2Ccompress&fit=max)
भारतीय लिबरल पार्टी के अध्यक्ष, डॉ. मुनीश कुमार रायज़ादा ने चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए पेपर ट्रेल्स को शामिल करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह कदम चुनावी प्रक्रिया पर किसी भी तरह के संदेह को दूर कर देगा। डॉ. रायज़ादा ने हाल ही में नियुक्त हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्हें चुनावी प्रक्रिया को और अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए ईवीएम मशीनों को पेपर ट्रेल्स के साथ जोड़ने का कार्य करना चाहिए।
डॉ. रायज़ादा के अनुसार, वर्तमान वीवीपैट (VVPAT) प्रणाली मतदाताओं के अंदर चुनावी प्रक्रिया में पूर्ण विश्वास उत्पन्न करने के किए पर्याप्त नही है। अभी की प्रणाली में मतदाता यह सुनिश्चित नहीं कर सकता कि उसने जिस उम्मीदवार को वोट दिया है, वह वास्तव में ईवीएम मशीन उसी के खाते में गया है या नहीं। यदि मतदान प्रक्रिया में पेपर ट्रेल्स को शामिल कर दिया जाए तो चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर कोई संदेह नहीं रह जाएगा। रायज़ादा ने अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा, "अमेरिका के कुछ राज्यों में मतदाता को पहले एक पेपर बैलेट दिया जाता है, जिस पर वह अपनी पसंद के उम्मीदवार को चिह्नित करता है और फिर उस बैलेट को स्वयं ईवीएम मशीन में स्कैन करता है। इस प्रक्रिया में हर मतदाता का एक पेपर बैलेट उत्पन्न होता और उसका इलेक्ट्रॉनिक वोट भी रिकॉर्ड हो जाता है। मतगणना दिन के अंत में की जाती है और यदि मतदान में कोई त्रुटि पाई जाती है, तो पेपर बैलेट से दोबारा जांच की जा सकती है। यह एक बेहतरीन तरीका है जिससे मतदाता को अपने वोट की विश्वसनीयता का भरोसा होता है। हमें भी इसी तरह की प्रणाली को अपनाना चाहिए।"
इसके अलावा, डॉ. रायज़ादा ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार द्वारा प्रवासी भारतीयों (NRIs) और प्रवासी श्रमिकों के लिए बायोमेट्रिक्स और रिमोट वोटिंग की सुझावों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ये कदम मतदान प्रक्रिया में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे और फर्जी व डुप्लीकेट वोटिंग को कम करेंगे।
डॉ. रायज़ादा ने चुनाव आयोग में नए मुख्य चुनाव आयुक्त की जल्दबाज़ी में नियुक्ति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने सरकार द्वारा चुनाव समिति से मुख्य न्यायाधीश को हटाकर केंद्रीय मंत्री को शामिल करने - यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और इस पर शनिवार को सुनवाई होनी है - के फैसले पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने सवाल किया, "सरकार ने इतनी जल्दबाज़ी में नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति क्यों की? जब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करने वाला है, तो सरकार को जल्दबाज़ी करने की क्या ज़रूरत थी?”
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