क्या है दिल्ली का शराब घोटाला ? आरोपों में घिरे केजरीवाल हाई कोर्ट के बाद जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट

केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू की थी। इस नीति के तहत सभी सरकारी ठेकों को बंद कर शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया।
Delhi Liquor Policy Case:दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू की थी।(Wikimedia Commons)
Delhi Liquor Policy Case:दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू की थी।(Wikimedia Commons)
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Delhi Liquor Policy Case: दिल्ली शराब घोटाले मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। पहली बार ऐसा हुआ है जब एक सिटिंग सीएम को जांच एजेंसी ने अरेस्ट किया हो। केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू की थी। इस नीति के तहत सभी सरकारी ठेकों को बंद कर शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इस तरह से पूरी दिल्ली में 849 शराब की दुकानें खोली जानी थीं। इससे पहले दिल्ली में 60 प्रतिशत शराब की दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। दिल्ली सरकार ने इसपर तर्क दिया कि इससे 3500 करोड़ रुपए का फायदा होगा।

अब इसके बाद सरकार ने शराब की दुकान के लाइसेंस की फीस भी कई गुना बढ़ा दी। जिस एल-1 लाइसेंस को पाने के लिए पहले 25 लाख रुपए देने होते थे। नई नीति लागू होने के बाद ठेकेदारों को 5 करोड़ रुपए चुकाने पड़े। ऐसे में सभी कैटेगरी के लाइसेंस की फीस भी धड़ल्ले से बढ़ गई।

राजस्व में भारी कमी का आरोप

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार पर आरोप लगे है कि इस नई नीति के तहत राजस्व में भारी कमी हुई। पहले जहां 750 एमएल की एक शराब की बोतल 530 रुपए में मिलती थी। उसे बोतल पर रिटेल कारोबारी को 33.35 रुपए का मुनाफा होता था, जबकि 223.89 रुपए उत्पाद कर और 106 रुपए वैट के रूप में सरकार को मिलता था। इस हिसाब से सरकार को हर एक बोतल पर 329.89 रुपए का फायदा होता था। नीति के बाद रिटेल कारोबारियों को सीधे 10 गुना का फायदा होने लगा। वहीं सरकार को मिलने वाला 329.89 रुपए का फायदा घटकर 3.78 पैसे रह गया। इसमें 1.88 रुपए उत्पाद शुल्क और 1.90 रुपए वैट शामिल है।

 ईडी द्वारा जारी चार्जशीट में आरोप है कि जब एक्साइज पॉलिसी 2021- 2022 तैयारी की जा रही थी, उस वक्त केजरीवाल आरोपियों के संपर्क में थे।(Wikimedia Commons)
ईडी द्वारा जारी चार्जशीट में आरोप है कि जब एक्साइज पॉलिसी 2021- 2022 तैयारी की जा रही थी, उस वक्त केजरीवाल आरोपियों के संपर्क में थे।(Wikimedia Commons)

144 करोड़ रुपयों का हो गया नुकसान

नरेश कुमार ने रिपोर्ट में कहा कि लाइसेंस फीस और शराब की कीमतों में नियमों को ताक पर रखकर छूट दी गई, जिससे सरकार को करीब 144 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ। इस रिर्पोट में यह दावा किया गया कि कमीशन और रिश्वत से मिली रकम का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने फरवरी 2022 में हुए पंजाब विधान सभा चुनावों में किया।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने पिछले साल 2 नवंबर को पहला समन भेजा था। ये समन प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जारी किया गया था। ईडी द्वारा जारी चार्जशीट में आरोप है कि जब एक्साइज पॉलिसी 2021- 2022 तैयारी की जा रही थी, उस वक्त केजरीवाल आरोपियों के संपर्क में थे।

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