दूध में मिलाया जा रहा है ऑक्सोटोसिन, हाईकोर्ट ने डेयरी कॉलोनी को लगाई फटकार

दिल्ली-एनसीआर की डेयरियों में ऑक्सोटोसिन के गलत इस्तेमाल को लेकर अदालत ने सख्त रवैया अपना लिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस समेत अन्य सरकारी एजेंसियों को डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
Delhi-NCR drinking milk with oxytocin : गाय व भैंस को लगाए जाने वाले ऑक्सीटोसिन की आंशिक मात्रा दूध में आ जाती है।(Wikimedia Commons)
Delhi-NCR drinking milk with oxytocin : गाय व भैंस को लगाए जाने वाले ऑक्सीटोसिन की आंशिक मात्रा दूध में आ जाती है।(Wikimedia Commons)
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Delhi-NCR drinking milk with oxytocin : दूध पोषक तत्वों का भंडार है। दूध पीने से सेहत को कई तरह के लाभ मिलते हैं लेकिन जब दूध ही मिलावटी हो, तो सेहत पर इसका बुरा प्रभाव भी पड़ता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है दरअसल,दिल्ली-एनसीआर की डेयरियों में ऑक्सोटोसिन के गलत इस्तेमाल को लेकर अदालत ने सख्त रवैया अपना लिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस समेत अन्य सरकारी एजेंसियों को डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। साल 2023 के मार्च में हाईकोर्ट ने राजधानी की नौ डेयरी कॉलोनियों के निरीक्षण के लिए कोर्ट कमिश्नर का गठन किया था। जिसमें कोर्ट कमिश्नर ने ऑक्सीटोसिन के ‘बड़े पैमाने पर उपयोग’ को चिह्नित किया था।

अदालत ने इसे बताया पशु क्रूरता

इस मामले में अदालत ने आदेश दिया, “चूंकि ऑक्सीटोसिन देना पशु क्रूरता की श्रेणी में आता है और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 12 के तहत एक संज्ञेय अपराध है, इसलिए यह अदालत औषधि नियंत्रण विभाग को साप्ताहिक निरीक्षण करने का निर्देश देती है।” केंद्र सरकार ने अप्रैल 2018 में इस दवा पर यह कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया था कि पैदावार बढ़ाने के लिए दुधारू मवेशियों पर इसका दुरुपयोग किया जा रहा है। यह न केवल मवेशियों के स्वास्थ्य बल्कि दूध का सेवन करने वाले मनुष्यों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है।

ऑक्सीटोसिन मिश्रित दूध किसी जहर से कम नहीं है।(Wikimedia Commons)
ऑक्सीटोसिन मिश्रित दूध किसी जहर से कम नहीं है।(Wikimedia Commons)

क्या है ऑक्सीटॉसिन

ऑक्सीटॉसिन एक हैप्पी हॉर्मोन है। इस हॉर्मोन का उत्पादन ब्रेन में मौजूद हाइपोथैलेमस द्वारा होता है। ये एक न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में कार्य करता है। महिला और पुरुष दोनों में ही ये हार्मोन बनता है। ये हॉर्मोन प्रजनन में भी खास भूमिका निभाता है। इसके साथ ही महिलाओं में, बच्चे को अपना दूध पिलाने के दौरान भी ये हार्मोन ज्यादा मात्रा में रिलीज होता है। वहीं पुरुषों में ये हॉर्मोन, शुक्राणु को स्थानांतरित करते समय ज्यादा रिलीज होता है।

सेहत के लिए है नुकसानदायक

इस हॉर्मोन के दुष्प्रभाव से बच्चों में हार्मोनल परिवर्तन एवं दुधारू पशुओं में बांझपन का खतरा बढ़ रहा है। पशु चिकित्सक कहते हैं कि गाय व भैंस को लगाए जाने वाले ऑक्सीटोसिन की आंशिक मात्रा दूध में आ जाती है। ऑक्सीटोसिन मिश्रित दूध किसी जहर से कम नहीं है। डेयरी संचालक थोक दवा मंडियों एवं कुछ कंपनियों से ऑक्सीटोसिन की सीधी खरीदी कर रहे हैं जबकि चिकित्सक के परचे के बगैर इसकी बिक्री प्रतिबंधित है।

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