✍️ कम्मी ठाकुर, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, हरियाणा।
केजरीवाल यूरोपीयन देशों का एजेंट
आम आदमी का ढकोसला करने वाले केजरीवाल के पास लाखों का एप्पल मोबाइल
वर्ष 2011 में अन्ना आंदोलन के दौरान शुगर मरीज केजरीवाल को अनशन करने पर शुगर लेवल ऊपर-नीचे क्यों नहीं हुआ
पूर्व में सरकार पर नैतिकता की बात करने वाले केजरीवाल की नैतिकता भ्रष्टाचार के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद होने उपरांत भी आज कहां लापता हो गई,
नैतिकता आधार पर केजरीवाल का अब तक मुख्यमंत्री पद से इस्तिफा क्यों नही
आम आदमी का नकाब ओढ़े झूठे व गिरगिट केजरीवाल ने विदेशों से पत्थर आयात कर आयकरदाताओं का करोडों रूपया अपने शीशमहल पर क्यों उड़ाया
केजरीवाल ने अपने एप्पल मोबाइल का पासवर्ड ईडी को क्यो नहीं बताया
आखिर केजरीवाल के एप्पल मोबाइल में ऐसे कौनसा राज दफन हैं।
वर्ष 2011 में दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के कंधे पर बंदूक रखकर अन्ना आंदोलन इंडिया अंगेस्ट करप्शन के बैनर तले चन्द्रशेखर आजाद, भगतसिंह व सुभाष बोस जैसे महान क्रांतिकारियों की आड़ में देश-दिल्ली की अवाम को बेवकूफ बना, फ्री का लोलीपोप चुसाकर अपने गुप्त राजनीतिक षड्यंत्र के तहत कभी सत्ता में न आने, जीवन में तीन-चार कमरों का घर पर्याप्त होने, बीवी-बच्चों की कसम लेकर वीवीआईपी सुविधाएं न लेने और ईडी-सीबीआई द्वारा कांग्रेस की सोनिया गांधी के विरुद्ध भ्रष्टाचार के पर्याप्त साक्ष्य दिखाकर जेल में डालने के लिए गला फाड़ने वाला वहीं केजरीबवाल आज अपने कथित वक्तव्यों के विपरित समस्त वीवीआईपी सुविधाओं के साथ 45 करोड़ के शीशमहल में सभी प्रकार के ऐयशोआराम भोग रहा है। यही नहीं जब दिल्ली के लोग कोविड में दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन न मिलने के कारण दम तोड़ रहे थे।
उस समय केजरीबवाल अपने शीश महल के लिए विदेशों से बजाय ऑक्सीजन मंगवाने के महंगे पत्थर आयात करवा रहे थे। लेकिन दुनिया से एक-एक सरकारी खर्च का हिसाब मांगने वाले चंदा चोर केजरीबवाल से यदि आज कोई शीशमहल में लगे जनता के टैक्स के पैसे का हिसाब मांगे तो नहीं देंगे। जिस केजरीबवाल को दिल्ली के खुले आसमां तले रामलीला मैदान में महिनों चले भ्रष्टाचार के खिलाफ धूर्त-पाखंड के सर्वश्रेष्ट अभिनय में उपवास कालखंड के दौरान कभी कोई शुगर लेवल व इंसुलिन ऊपर-नीचे नहीं हुआ।
आज उसी आम आदमी का झुनझुना बजाने वाले केजरीबवाल को दिल्ली शराब घोटाले में बतौर मुख्य आरोपी तिहाड़ में भी वीवीआईपी ट्रिटमेंट की दरकार है? आज वही केजरीबवाल भ्रष्टाचार के आरोप के कारण तिहाड़ में अपने शुगर की बीमारी को भी राजनीतिक लाभ के लिए भूना रहा है। आज वही तिहाड़ी केजरीबवाल अपनी जमानत हेतु अपना शुगर लेवल हद से ज्यादा बढ़ाने के लिए जानबूझकर जेल मेन्यूल के विपरित जेल में आम, केला व आलू-पूड़ीयां चटखारे ले कर खा रहा है और बाहर उसके चमचे-चाटुकार मीडिया पर सरकार द्वारा केजरीबवाल को जेल में ही जान से मारने की साजिश रचने का मिथ्या व निराधार आरोप लगाते नहीं थक रहे हैं।
जांच एजेंसियों व सरकार को केजरीबवाल व इसकी पार्टी के नेताओं की जेल पोलिट्रीक्स की पोलिटिक्स को समझकर डिकोड करना होगा। केजरीबवाल व इसकी पार्टी के नेताओं की नककटी, घटिया, अधम मानसिकता व छद्म राष्ट्रवाद के जनप्रचार के पोलिटिकल एजेंडा-परसेप्सन को कैप्चर कर तदनुरूप ट्रीटमेंट देना होगा। दिल्ली की जनता को यह बताना होगा कि यदि केजरीबवाल बेकसूर था तो वह क्यों ईडी के बारम्बार सम्मन पर भी पेश होने की बजाय चोरों की भांति छुपता फिर रहा था? आमजन के समक्ष यह भी स्पष्ट करना होगा कि यदि केजरीबवाल बेगुनाह है तो उसने ईडी द्वारा मांगे जाने पर भी क्यों अभी तक अपने एप्पल मोबाइल का पासवर्ड ईडी को नहीं बताया?
केजरीबवाल बतौर दिखावा लंबी शर्ट और पैरों में सैंडल पहनकर खुद को आम आदमी कहने वाला आम आदमी की हैसियत से बाहर लाखों रूपये का एप्पल मोबाइल क्यों रखता है? क्या एक आम आदमी एप्पल का लाखों का मोबाइल फोन रख-खरीद सकता है? दुनियाभर में अपनी मिथ्या ईमानदारी का शोर मचाने वाले चंदा चोर केजरीबवाल खास आदमी के लाखों के एप्पल मोबाइल में आखिर ऐसा कौन सा राज दफन है?
जिसके जाहिर हो जाने से केजरीववाल के चेहरे पर से ईमानदारी व आम आदमी होने का मुखौटा उतर जाएगा? सत्ता में आने से पूर्व नैतिकता नैतिकता चिल्लाने वाले केजरीबवाल की नैतिकता आखिर आज कहां लुप्त हो गई? जो भ्रष्टाचार के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद होने के बाद भी मुख्यमंत्री की कुर्सी से मोह नहीं छुट रहा। आखिर क्यों भ्रष्टाचार मामले में केजरीबवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी-यूएसए ने भारत के अंदरूनी मामले में दखल देने का दुस्साहस किया? जबकि हेमंत सोरेन के समकक्ष मामले में उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई? क्योंकि अरविंद केजरीवाल कांग्रेस की मानिंद ही यूरोपीयन देशों का एक संभावित गुप्त एजेंट है। जिसकी ताजपोशी भारत में कांग्रेस की राजनीतिक विफलता के फलस्वरूप ही बतौर विकल्प सुनियोजित व प्रायोजित है। जिसका उद्देश्य देश में तुष्टिकरण का जाल फैलाकर देश के विकास को अस्थिर करना है।
एक दूसरे, दिल्ली के लोगों को अपनी मिथ्या देशभक्ति व झूठी ईमानदारी बारे भावुक अपील कर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर भी आखिर क्यों केजरीबवाल आज खुद भ्रष्टाचार की दल-दल में मुख्य आरोपी बन भ्रष्टाचारी कांग्रेस से जा मिला? जिस कांग्रेस पार्टी की सुप्रीमों सोनिया गांधी के भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कभी सबूत अपनी कांख में दबाए घुमता था? जो केजरीबवाल कभी सोनिया गांधी को जेल में डालने की बात करता था आज वही धूर्त उसी के साथ बैठकर राजनीतिक प्रीतिभोज कर राजनीतिक पींगे बढ़ा रहा है?
बहरहाल, लब्बोलुआब यह है कि देश-दिल्ली के लोगों को *क-से केजरीवाल, क-से करप्शन, क-से कांग्रेस और क- से कलंक* इन सभी से हरदम सावधान रहने की आवश्यकता है|