Delhi's Connaught Place: दिल्ली का पसंदीदा जगहों में से एक कनॉट प्लेस पूरे देशभर में मशहूर है। भारत के अन्य राज्यों या विदेशों से आने वाले पर्यटक कनॉट प्लेस की सैर जरूर करते हैं। यह जगह केवल भौगोलिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण है। कमर्शियल एपिसेंटर कहे जाने वाली यह जगह पिछले कई सालों से राजधानी दिल्ली की पहचान है। आपको बता दें कनॉट प्लेस को ब्रिटिश राज के समय बनाया गया था और यह आर्किटेक्चर का एक शानदार नमूना है। यहां टूरिस्ट के साथ - साथ दिल्लीवासी भी शॉपिंग करने, पिकनिक मनाने और घूमने-फिरने आते हैं। लेकिन आज हम आपको बताएंगे मशहूर कनॉट प्लेस से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।
दिल्ली का दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस को ब्रिटिश आर्किटेक्ट रॉबर्ट टोर रसेल ने निकोलस के साथ मिलकर डिजाइन किया था। निकोलस ने रॉयल क्रिसेंट और रोमन कोलोसियम जैसी शानदार इमारतों को डिजाइन किया है और कनॉट प्लेस की सर्कुलर डिजाइन भी यहीं से प्रेरित है।
आपको बता दें पिछले कुछ सालों के दौरान कनॉट प्लेस वाणिज्य, संस्कृति और खापान के लिए काफी मशहूर हुआ है। भारतीयों को यहां शॉपिंग से लेकर शानदार रेस्तरां और पार्क जैसी घूमने- फिरने की जगह मिलती हैं। भारत आने वाले इंटरनेशनल टूरिस्ट भी दिल्ली के कनॉट प्लेस को एक सुंदर जगह मानते हैं। वहीं रिटेलर्स के लिए यह एक ऐसी जगह है जहां उनका बिजनेस आसानी से बढ़ता है।
कनॉट प्लेस में बहुत सी दुकानें बनी हुई हैं। यहां आपको देश-विदेश से आने वाले टूरिस्ट खूब शॉपिंग करते हुए दिख जाएंगे। लेकिन इन सभी दुकानों का आधिकारिक मालिक भारत सरकार है अर्थात् दिल्ली के कनॉट प्लेस का अधिकार भारत सरकार के पास ही है। आपको बता दें आजादी से पहले कनॉट प्लेट एरिया में दुकानों और दूसरी जगहों को मामूली दामों में लीज पर दिया गया था और आज भी कई ओल्ड दिल्ली कंट्रोल एक्ट के तहत उपलब्ध हैं। यहां स्टारबक्स, पिज्जा हट और कई बड़े बैंक यहां जमकर कमाई कर रहे हैं जिसके कारण किराएदार और मालिकों के रेवेन्यू में काफी फर्क है।