दिल्ली के स्वास्थ्य को संभालने वाले सत्येन्द्र जैन (Satyendra Jain) की अब खुद की हालत खराब है। दिल्ली की तबियत को दुरुस्त करने वाले की खुद की तबीयत पर अब बड़ा सवाल है। दरअसल बीते सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) द्वारा दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री Satyendra Jain को गिरफ्तार कर लिया गया। ED ने अपनी जांच में यह बात साफ की है कि यह कार्यवाई कोलकाता में स्थित एक कंपनी से जुड़े हवाला लेनदेन के मामले में की गई है। यह मामला तब का है जब 2015-16 में Satyendra Jain एक लोक सेवक थे। इस घटना के बाद छाया मंत्रिमंडल दिल्ली (Shadow Cabinet Delhi) का यह स्पष्ट मत है कि आदर्शों का हवाला देने वाले केजरीवाल (Kejriwal) अपने स्वास्थय मंत्री को कम से कम तब तक के लिए बर्खास्त करें जब तक कि वो ED द्वारा निर्दोष साबित नहीं हो जाते।
यहाँ बात दें कि ED ने कभी भी Satyendra Jain को क्लीन चिट नहीं दिया था। इससे पहले 2018 में भी ED द्वारा सत्येन्द्र से पूछताछ की गई थी। उस वक्त सीबीआई ने शिकायत में कहा था कि सत्येन्द्र जैन चार कंपनियों से मिलने वाले धन स्त्रोत का ब्यौरा नहीं दे सके, जबकि वो उनमें से एक शेयरधारक भी थे। इसके लिए उनकी पत्नी और चार अन्य के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का आरोप दर्ज है। अब जैन की 4.81 करोड़ रुपए की संपत्ति सामने आई है और ऐसे में सवाल उठना लाजमी है। इसीका संज्ञान लेते हुए ED ने एक महीना पहले उनकी संपत्ति को जब्त कर लिया था और इसके बाद अब बीते सोमवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। ED ने सत्येन्द्र जैन मामले में कहा कि Satyendra Jain द्वारा इन पैसों का प्रयोग जमीन खरीदने और दिल्ली के नजदीक एक फार्म लैंड खरीदने में किया गया। इसके अलावा इन पैसों का इस्तेमाल उनके द्वारा अपना कर्जा उतारने के लिए भी किया गया। स्पष्ट है कि सत्येन्द्र के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला 2017 में CBI द्वारा दायर एक केस के तहत है।
अब लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) के आदर्श का डंका पीटने वाली आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) उनके बचाव में आ गई है। मनीष सीसोदिया और संजय सिंह ने ट्वीट करके कहा कि, सत्येंद्र जैन के ख़िलाफ़ 8 साल से एक फ़र्ज़ी केस चलाया जा रहा है। भाजपा (BJP) पर आरोप लगते हुए सीसोदिया ने आगे कहा कि भाजपा इसलिए ऐसा कर रही है क्यूंकी हिमाचल में सत्येंद्र जैन इलेक्शन इंचार्ज हैं और चुनाव आने वाले हैं।
पर अब प्रश्न यहाँ यह उठता है कि जो केजरिवाल, लाल बहादुर शास्त्री और महात्मा गांधी जी (Mahatma Gandhi) को अपना आदर्श बताते हैं, वो अपने स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं कर रहे हैं। लाल बहादुर शास्त्री जब रेल मंत्री थे तब एक रेल दुर्घटना होने के बाद उन्होंने निर्दोष होते हुए भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। तो फिर उन्हीं के आदर्श पर चलने वाली आम आदमी पार्टी के सदस्य उस सीख को चरितार्थ क्यों नहीं करते। गांधी जी सत्य के पुजारी थे, पर उनको अपना आदर्श मानने वाली आप (AAP) असत्य से निर्मित व्यक्तित्वों से भरी पड़ी है।