भारत में कब हुआ पहला एग्जिट पोल? किन देशों में है एग्जिट पोल प्रतिबंधित

एग्जिट पोल चुनाव के बाद का एक सर्वेक्षण है जो प्रत्याशित विजेताओं और उनकी जीत के अंतर की भविष्यवाणी करता है। ये अनुमान वोटिंग के बाद सर्वेक्षण एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए वोटर्स फीडबैक पर आधारित होता है।
Exit poll 2024 :ये अनुमान वोटिंग के बाद सर्वेक्षण एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए वोटर्स फीडबैक पर आधारित होता है। (Wikimedia Commons)
Exit poll 2024 :ये अनुमान वोटिंग के बाद सर्वेक्षण एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए वोटर्स फीडबैक पर आधारित होता है। (Wikimedia Commons)
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Exit poll 2024 : लोकसभा चुनाव के सभी चरणों की वोटिंग 1 जून की शाम को समाप्त हो गई। इसके बाद देशभर में तमाम टीवी चैनल्स और डिजिटल मीडिया एग्जिट पोल के जरिए अनुमान बताना शुरू कर दिए कि मतदान के बाद कौन सी पार्टी जीत रही है, और कहां किसका पलड़ा भारी है। लेकिन क्या आप जानते हैं देश में पहली बार एग्जिट पोल कब शुरू हुआ था ? इसके साथ ही आज हम आपको बताएंगे किन देशों में एग्जिट पोल पर प्रतिबंध लगाया गया है।

क्या होता है एग्जिट पोल

एग्जिट पोल चुनाव के बाद का एक सर्वेक्षण है जो प्रत्याशित विजेताओं और उनकी जीत के अंतर की भविष्यवाणी करता है। ये अनुमान वोटिंग के बाद सर्वेक्षण एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए वोटर्स फीडबैक पर आधारित होता है। एग्जिट पोल के पीछे का विचार वास्तविक परिणाम घोषित होने से पहले जनता की भावनाओं को प्रतिबिंबित करना है।

कब हुआ पहला एग्जिट पोल

वर्ष 1957 में भारत में पहला एग्जिट पोल आयोजित किया गया था जब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन ने दूसरे लोकसभा चुनावों के दौरान एक पोस्ट-पोल सर्वेक्षण किया था। सरकारी प्रसारक दूरदर्शन ने 1996 में देश भर में एग्जिट पोल आयोजित करने के लिए सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज को काम पर रखा था, लेकिन इसको लेकर काफी शिकायतें भी हुई।

ये प्रतिबंधित चुनावी दिन से 24 घंटे पहले से लेकर एक महीने पहले तक हैं। (Wikimedia Commons)
ये प्रतिबंधित चुनावी दिन से 24 घंटे पहले से लेकर एक महीने पहले तक हैं। (Wikimedia Commons)

कई देशों में एग्जिट पोल प्रतिबंधित या सशर्त

ये तो भारत की बात है लेकिन कई ऐसे देश भी हैं जहां एग्जिटल पोल को ये तो प्रतिबंधित कर दिया गया है या फिर बहुत कड़े नियमों में बांध दिया गया है। यूरोप में 16 देश हैं जहां ओपिनियन पोल की रिपोर्टिंग प्रतिबंधित है। ये प्रतिबंधित चुनावी दिन से 24 घंटे पहले से लेकर एक महीने पहले तक हैं।

भारत में एग्जिट पोल के नियम

पिछले कुछ सालों में भारतीय चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल को लेकर नियम कड़े किए हैं। भारत में कुछ साल पहले तक चुनावी चरणों के बीच में मीडिया के एग्जिट पोल दिखाने के बाद जब शिकायतें आने लगीं तो चुनाव आयोग ने इस पर नियम कड़े करके गाइडलाइंस जारी कीं कि एक्जिट पोल का टेलीकास्ट अंतिम चरण के बाद ही होगा, चाहे वो लोकसभा के चुनाव हों या फिर विधानसभा के।

भारतीय चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, अंतिम वोट डाले जाने के 30 मिनट बाद एग्जिट पोल को टीवी चैनल्स पर दिखाने या डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए उन्हें पब्लिश करने की अनुमति है। इन नियमों के अनुसार, एग्जिट पोल डेटा 1 जून को शाम 6:30 बजे से पहले जारी नहीं किया जा सकता।

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