✍ कम्मी ठाकुर, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, हरियाणा।
Loktantra Bachao Rally : रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में वस्तुतः आप पार्टी के संयोजन में इंडिया गठबंधन द्वारा लोकतंत्र बचाओ रैली आहुत की गई। जिसमें ममता बनर्जी व एक के स्टालिन को छोड़कर इंडिया गठबंधन के सभी बड़े चेहरों ने शिरकत की। काबिलेगौर है कि इंडिया गठबंधन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आप, आरजेडी, सपा व शिवसेना (यूबीटी) आदि शायद ही कोई राजनीतिक दल हो जिसने अपनी पार्टी की सरकार के दौरान लोकतंत्र को न रौंदा हो और जो भ्रष्टाचार की दलदल में न धंसा हुआ न हो। हास्यास्पद कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा इंडिया गठबंधन आज लोकतंत्र बचाओं और भ्रष्टाचार पर रैली आखिर किस मुंह से कर रहा है।
जब कांग्रेस के शासनकाल में मुम्बई सहित देशभर में सीरियल बम ब्लास्ट होते थे। क्या तब लोकतंत्र व देश खतरे में नहीं था? जब कांग्रेस सहित यूपीए घटकदल के नेता एक आतंकवादी की रिहाई के लिए रात अढाई बजे माननीय सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खुलवाते थे। क्या उस समय लोकतंत्र खतरे में नहीं था? जब राहुल गांधी संसद सत्र के दौरान देश के प्रधानमंत्री द्वारा पेश किए गए बिल को काॅपी फाड़कर हवा में फेंकते थे। क्या यह लोकतंत्र का सम्मान था? कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए सरकार के दौरान देश-विदेश में शिष्टाचार भेंट के दौरान जब देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पीछे कर यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी नेगोशिएट करती थी।
क्या उस समय लोकतंत्र की मर्यादा-सार्थकता सुरक्षित थी? जबकि इंडिया गठबंधन के आधे से ज्यादा नेता खुद या तो भ्रष्टाचार के मामले में जेल-जमानत पर हैं या फिर सजायाफ्ता। इंडिया गठबंधन के नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरवविंद केजरीवाल अपनी आप पार्टी के अन्य नेताओं के साथ भ्रष्टाचार के मामले में आज स्वयं तिहाड़ जेल में सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। आश्चर्य की कभी देशभर में कूद-कूद कर अपनी छद्म ईमानदारी व राष्ट्रवाद का डिंडोरा पिटने वाले अरविंद केजरीवाल एक समय में दूसरे नेताओं पर जेल या भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर नैतिकता के आधार पर उनसे इस्तिफा मांगते थे।
जिस आप पार्टी का उद्भव कांग्रेस के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अन्ना आंदोलन के कारण हुआ। लेकिन आज वही केजरीवाल न केवल उसी कांग्रेस की गोद में बैठा व इंडिया गठबंधन के अन्य भ्रष्टाचारी नेताओं के साथ खड़े है अपितु खुद भ्रष्टाचार मामले में जेल में होने के उपरांत भी इस्तिफा नहीं दे रहे हैं। आखिर, अरविंद केजरीवाल की नैतिकता की वो दिखावटी, बड़ी-बड़ी बातें आज कहां छूमंतर हो गई? संजय सिंह या आप नेताओं को जमानत मिलने से भी आप पार्टी के दामन पर लगे भ्रष्टाचार के दाग धुल नहीं जाते।
दूसरे, आम जन को इस चुनावी मौसम में कांग्रेस द्वारा सरकार पर अपने बैंक खाते सील करने बाबत फैलाये जा रहे मिथ्या भ्रम को भी सविवेक देखना-समझना चाहिए। कांग्रेस को अपनी गलती से आयकर रिटर्न समय पर न भरने बाबत आयकर विभाग के बारम्बार नोटिस पर कोई भी जवाब फाइल न करने एवं आयकर अपीलेट ट्राइब्युनल सहित माननीय हाईकोर्ट तक से इस तीन-चार वर्ष पुराने मामले में कोई राहत न मिलने के फलस्वरूप आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस पार्टी की मात्र आयकर देय लायिबिलिटी जितनी धनराशि ही सीज की गई है।
कांग्रेस आयकर विभाग को अपनी कथित आयकर देनदारी से इतर अपने सभी बैंक खातों में शेष समपूर्ण धनराशि निकालने के लिए स्वतंत्र है और उस पर कोई पाबंदी नहीं है। जबकि कांग्रेस पार्टी भावनात्मक रूप से राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से मीडिया में यह मिथ्या व भ्रामक प्रचार फैला रही है कि सरकार ने उसे चुनाव में प्रचार-प्रसार करने से रोकने के लिए उसके बैंक खाते सील कर दिए। दरअसल कांग्रेस ने अपने बैंक खाते सील करने व इलेक्टोरल बॉड का बहाना लोकसभा चुनाव में अपनी निकटप्रायः निश्चित पराजय को भांपते हुए बनाया है।
इसका प्रत्यक्ष प्रमाण अपनी संभावित पराजय के फलस्वरूप सोनिया गांधी, प्रियंका वाड्रा सहित देशभर में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं द्वारा लोकसभा का चुनाव लड़ने से इंकार करना है। क्योंकि इलेक्टोरल बॉड तो कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों को भी मिले हैं। चूंकि भाजपा सत्तारूढ दल है तो उसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉड मिलना स्वाभाविक है। लेकिन हां, सुचिता, पारदर्शिता व उत्तरदायित्व के मध्यनजर सभी राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त चुनावी चंदे का विवरण देश के समक्ष सार्वजनिक किया जाना चाहिए। क्योंकि राष्ट्र कोई मठ या मंदिर नहीं जहां कोई भी हुंडी में गुप्त दान कर चला गया।
एनडीए की नरेन्द्र मोदी सरकार के दोनों कार्यकाल में कांग्रेस की भूरी काकी सरकार के अनवरत भ्रष्टाचार की मानिंद कोई भी भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया है। दूसरे, भारत की सुरक्षा-सम्मान व रूतबा देश-विदेश में बढ़ा है। पाकिस्तान के कब्जे से हिन्दुस्तान के जाबांज अभिनंदन की रिहाई, कतर जेल में कैद मौत की सजा प्राप्त 8 नेवी अधिकारियों एवं यूक्रेन से युद्ध के दौरान अपने नागरिकों की सकुशल घर वापसी सहित सीएए, राम मंदिर, कश्मीर से धारा 370 व ट्रिपल तलाक की समाप्ति आदि मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक व राजनीतिक उपलब्धियां हैं।
राम मंदिर निर्माण से लेकर धारा 370 जैसे अति संवेदनशील मुद्दों को जहां कांग्रेस की सरकार ने विगत लगभग 70 वर्षों तक सत्ता-राजनीति की खातिर लटकाये रखा उसे नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपनी दृड इच्छा शक्ति के बल पर मात्र एक झटके में हल कर दिया। कांग्रेस व इंडिया गठबंधन के लोगों को भाजपा शासित मणिपुर में महिलाओं संग अत्याचार तो दिखता है लेकिन वे अभी पूर्व में गहलोत की कांग्रेस शासित राजस्थान सरकार में एक चरवाहा नाबालिक लड़की का रेप कर भट्टी में जिंदा जलाना तथा पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के साथ वर्षों से हो रही बर्बरता पर बापू के तीन बंदर बन जाते हैं, क्यों?
दरअसल, इंडिया गठबंधन में विपरित विचारधारा के लोग देश के विकास व लोकतंत्र बचाने की खातिर नहीं अपित् मोदी शासन के अजेय-अभेद्य विजय रथ को रोकने संग मुख्यतः हाशिये पर लुप्त होने की कगार पर पहुंच चुके अपने-अपने राजनीतिक अस्तित्व तथा राजनीतिक घराने-युवराज को बचाने की खातिर सांकेतिक रूप से एकरूपता का नकाब पहनने को मजबूर हुए हैं। देश की जनता को इंडिया गठबंधन के स्वार्थपूर्ण-सत्तालोलुप मूल मनसूबों को समझकर सावधान रहने की आवश्यकता है।