दिल्ली में शुरू हो चुका है रायसीना डायलॉग, जिसमें शामिल होंगे 115 देशों के प्रतिनिधि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में इस हाई-प्रोफाइल सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में ग्रीस के प्रधानमंत्री क्यारीकोस मित्सोटाकिस मुख्य अतिथि हैं।
Raisina Dialogue : इस सम्मलेन में 115 देशों के 2500 से अधिक प्रतिभागी व्यक्तिगत रूप से संवाद में शामिल होंगे। (Wikimedia Commons)
Raisina Dialogue : इस सम्मलेन में 115 देशों के 2500 से अधिक प्रतिभागी व्यक्तिगत रूप से संवाद में शामिल होंगे। (Wikimedia Commons)
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Raisina Dialogue : इस बार रायसीना डायलॉग सम्मेलन के नौवें संस्करण की शुरुआत 21 फरवरी से हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में इस हाई-प्रोफाइल सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में ग्रीस के प्रधानमंत्री क्यारीकोस मित्सोटाकिस मुख्य अतिथि हैं। यह नौवां संस्करण 21-23 फरवरी तक आयोजित किया जाना है। इस बार आयोजन का थीम ‘चतुरंगा : विवाद, प्रतिस्पर्धा सहयोग व निर्माण’ रखा गया है। आपको बता दें कि इस बार 115 देशों के 2500 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे है।

क्या है रायसीना डायलॉग ?

रायसीना डायलॉग में दुनिया के कई देशों के विदेश मंत्री शामिल होते हैं। इस बैठक का आयोजन विदेश मंत्रालय और ऑवसर्वर रिसर्च फाउंडेशन करता है। यह एक स्वतंत्र थिंक टैंक है। इस आयोजन में शामिल देश वर्तमान भू-राजनीतिक और भू- आर्थिक समेत कई मुद्दों पर चर्चा करते हैं। इसमें विभिन्न देशों के उच्च स्तरीय अधिकारी, नीति-निर्माता, उद्योग जगत के अग्रणी व्यक्ति, पत्रकार हिस्सा लेते हैं।

यह कार्यक्रम को विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाता है। आपको बता दें कि विदेश मंत्रालय का मुख्यालय रायसीना पहाड़ी नई दिल्ली पर स्थित है, इसलिए इस सम्मेलन का नाम रायसीना डायलॉग रखा गया है।

इस आयोजन में शामिल देश वर्तमान भू-राजनीतिक और भू- आर्थिक समेत कई मुद्दों पर चर्चा करते हैं। (Wikimedia Commons)
इस आयोजन में शामिल देश वर्तमान भू-राजनीतिक और भू- आर्थिक समेत कई मुद्दों पर चर्चा करते हैं। (Wikimedia Commons)

क्या है इस सम्मेलन का उद्देश ?

इस तीन दिन के सम्मेलन के दौरान दुनियाभर के नेता बातचीत के जरिए एक-दूसरे से जुड़ेंगे। इसबार इस सम्मेलन के लिए छह विषय तय किए हैं।

1) टेक फ्रंटियर्स: विनियम और वास्तविकताएं।

2) ग्रह के साथ शांति: निवेश और नवाचार।

3) युद्ध और शांति: शस्त्रागार और विषमताएं।

4) उपनिवेशवाद से मुक्ति: संस्थान और समावेशन।Wikimedia Commons)

5) 2030 के बाद का एजेंडा: लोग और प्रगति।

6) लोकतंत्र की रक्षा: समाज और संप्रभुता।

इस सम्मलेन में 115 देशों के 2500 से अधिक प्रतिभागी व्यक्तिगत रूप से संवाद में शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस सम्मेलन को दुनियाभर में लाखों लोग विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों पर देखेंगे।

2016 से हुई सम्मेलन की शुरुआत

सर्वप्रथम साल 2016 में इस सम्मेलन की शुरुआत हुई थी। इस सम्मेलन का पहला थीम 'एशिया रीजनल एंड ग्लोबल कनेक्टिविटी' पर सम्मेलन का आयोजन हुआ था। 2016 के बाद प्रत्येक साल ही इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

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