हमास के खिलाफ इसराइल के हमलो को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर एक भयंकर प्रदर्शन देखने को मिला बड़ी संख्या में लोगों ने जंतर मंतर में इकट्ठा होकर सोमवार को फिलिस्तीन के समर्थन में यानी इजरायल के विरोध में प्रदर्शन कर दिया। इसके अलावा फिलीस्तीन को कूटनीतिक समर्थन देने की एवं इजरायल के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की। दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसने विरोध प्रदर्शन के लिए पूर्व अनुमति नहीं लेने के मामले में करीब 60 लोगों को हिरासत में लिया। प्रदर्शन का आयोजन बीजेपी वाले समर्थक वामपंथी संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन और अन्य छात्र संगठनों ने किया।
बड़ी संख्या में छात्र एवं अन्य लोग जंतर मंतर पहुंचे और उन्होंने नारे लगाना शुरू कर दिया इनमें अधिकतर दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र तथा शिक्षक थे। दिल्ली पुलिस प्रदर्शन कार्यों को बसों में बैठकर किसी अज्ञात स्थान पर ले गई। प्रदर्शनकारी हेमंत ने कहा कि हम फिलिस्तीन कूटनीतिक समर्थन देने की तथा मानव अधिकार उल्लंघन के मामले में इजरायल के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
ISA ने एक वक्तव्य जारी कर प्रदर्शन कार्यों को छोड़ने की मांग की और फोन पर रिकॉर्ड उनके बयान साझा किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर कि उसे समय पुलिस से थी की नोक झोक हो गई जब महिला पुलिस ने मीडिया से बात कर रही एक छात्रा को खदेड़ दिया। पुलिस की शक्ति का विरोध कर रहे प्रोफेसर को भी हिरासत में ले लिया गया। इस घटना ने लोगों में यह दशत फ़ैला दिया की युवा विश्वविद्यालय के छात्र यदि इस प्रकार के प्रदर्शन करेगें तो भारत का भविष्य क्या होगा।
6 अक्टूबर को हमास ने इसराइल पर हमला कर दिया था, हालांकि यह युद्ध इनके आपसी धार्मिक व स्वाभिमान का युद्ध है, कुछ देश इसराइल के समर्थन में हैं, तो कुछ फिलिस्तीन के। हमास के हमले के बाद अमेरिका, यूरोप, सभी देश इसराइल के समर्थन में है, इसी समर्थन के कारण इसराइल के प्रधान मंत्री ने फिलिस्तान को धमकी देते हुए कहा की यह युद्ध भले ही हमास ने शुरु की है, लेकिन ख़त्म हम करेगें, इसके साथ ही अमेरीका के युद्धपोत ने इसराइल की हिम्मत को और भी ज्यादा मजबूत कर दिया है और लागातार गाजा पट्टी पर युद्ध बरकरार है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक 4000 से ज्यादा लोगो की मौत हो चुकी है, लेकिन अब तक युद्ध थमने का नाम नहीं ले रही है।