नेपाल और बांग्लादेश:- दिल्ली में एक ऐसी कूटनीतिक जंग चल रही है जिसने भारत के सामने धर्म संकट खड़ा कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के साउथ ईस्ट एशिया रीजनल ऑफिस के डायरेक्टर का इसी हफ्ते चुनाव होना है और इस चुनाव में एक तरफ बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना की बेटी साइमा वाजिद मैदान में है तो दूसरी तरफ नेपाल के टॉप पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट शंभू प्रसाद आचार्य दावेदारी पेश कर रहे हैं भारत को इन दोनों में से किसी एक को चुनना है। अब भारत के सामने धर्म संकट खड़ी हो गई है कि वह बांग्लादेश को छूने जिससे उसके रिश्ते इतने अच्छे हैं या फिर नेपाल को। दोनों ही देश से भारत के रिश्ते बहुत अच्छे हैं और भारत का किसी एक के प्रति भी झुकाव दूसरे को भारत से थोड़ा दूर कर सकता है।
अब जैसा कि हमने आपको बताया कि बांग्लादेश की तरफ से शेख हसीना की बेटी साइमा वाजेद मैदान में खड़ी है और यदि इनकी बात करें तो यह स्कूल साइकोलॉजिस्ट है और वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन की मेंटल हेल्थ और ऑटिज्म के डिपार्मेंट की एडवाइजर रहे हैं इनके पास काफी सारा एक्सपीरियंस है। वही यदि हम नेपाल के शंभू प्रसाद आचार्य जी की बात करें तो वह पिछले 30 सालों से वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के साथ काम कर रहे हैं और इस वक्त बतौर डायरेक्टर जिनेवा में तैनात है।
दोनों ही दावेदार अपनी-अपनी जगह पर अव्वल है। दोनों में कोई कमी नहीं है और दोनों ही वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन कैसे पद के लिए परफेक्ट है लेकिन अब देखना यह है कि भारत इन दोनों में से किसका चुनाव करता है।
साउथईस्ट एशिया रीजन की रीजनल कमेटी इसी हफ्ते 1 नवंबर को रीजनल डायरेक्टर के चुनाव के लिए वोट करेगी। दिल्ली में 30 अक्टूबर से 2 नवंबर के बीच रीजनल कमेटी का 76 व सेशन आयोजित किया गया और इसी सेशन में मतदान होगा।
यदि साउथ ईस्ट एशिया रीजन के सदस्यों की बात करें तो कुल मिलाकर 11 मेंबर है भारत के अलावा बांग्लादेश भूटान दक्षिण कोरिया इंडोनेशिया मालदीव्स म्यांमार नेपाल श्रीलंका थाइलैंड और टिमोर शामिल है। सभी 11 देश वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का दफ्तर है जबकि दिल्ली में रीजनल ऑफिस का कार्यालय है। 30 तारीख से लेकर 2 नवंबर तक आयोजित इस मतदान में बांग्लादेश व नेपाल के दोनों उम्मीदवारों में से किसी एक का चयन होना है। अब तो बस देखना यह है कि भारत किसका चुनाव करता है और क्यों।