

यह मार्च राज्य सरकार के खेल, युवा एवं सांस्कृतिक गतिविधियों विभाग तथा जूनागढ़ (Junagarh) जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। 1947 में 9 नवंबर को जूनागढ़ नवाबी शासन से मुक्त होकर भारत (India) का अभिन्न अंग बना था। सरदार पटेल के दूरदर्शी नेतृत्व और दृढ़ संकल्प से यह विलय संभव हुआ, जिसे 'जूनागढ़ मुक्ति दिवस' के रूप में याद किया जाता है। इस वर्ष सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर इस ऐतिहासिक तिथि को चुना जाना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यह न केवल इतिहास की स्मृति ताजा करता है, बल्कि युवा पीढ़ी को एकजुट भारत के निर्माण की प्रेरणा भी देता है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मार्च का शुभारंभ करते हुए कहा, "सभी को बधाई। जूनागढ़ मुक्ति दिवस पर सोरठ निवासियों को शुभकामनाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र सरदार पटेल की विरासत का जश्न मना रहा है।" उनके साथ जूनागढ़ जिला प्रभारी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. प्रद्युमनभाई वाजा, जिला सह-प्रभारी विधि राज्य मंत्री कौशिकभाई वेकरिया, महापौर धर्मेश पोशिया, विधायक एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। एक आधिकारिक वीडियो में सीएम पटेल को मार्च का नेतृत्व करते देखा गया, जहां 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का नारा लगाया गया।
पदयात्रा में समाज के हर वर्ग ने भाग लिया। कॉलेज छात्र, एनसीसी-एनएसएस कैडेट्स, माई भारत वॉलेंटियर्स, सहकारी संगठन, राजनीतिक दल, औद्योगिक एवं वाणिज्यिक संगठन, धार्मिक संस्थाएं, साधु-संत, इन्फ्लूएंसर्स, पूर्व सैनिक परिवार, खिलाड़ी, प्रगतिशील किसान, प्रबुद्ध नागरिक, कामगार, सामाजिक संस्थाएं, स्थानीय निकाय पदाधिकारी, स्वयं-सहायता समूह और बड़ी संख्या में आम नागरिक शामिल हुए। मार्च शहर की प्रमुख सड़कों से गुजरा, जहां प्रतिभागियों ने तिरंगा लहराया और सरदार पटेल के चित्रों के साथ कदम मिलाए। अंत में सभी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत शपथ ली, जिसमें नशा मुक्ति, वोकल फॉर लोकल और पर्यावरण संरक्षण जैसे संकल्प शामिल थे।
बता दें कि यह आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर सरदार पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर हो रहे यूनिटी मार्च का हिस्सा है, जो 31 अक्टूबर से 26 नवंबर तक चलेगा।
(BA)