300 फीट नीचे जाकर पनडुब्बी से देखा जा सकता है अब समुद्र में डूबी हुई द्वारका नगरी को

इसे देखने के लिए एक पनडुब्बी परियोजना शुरू की जाएगी। पनडुब्बी से लोग दो घंटे में मौजूदा द्वारका से पुरानी द्वारका तक जाएंगे।
Submarine Ride For Old Dwarka -कहा जाता है कि श्रीकृष्ण के अपने धाम जाने के बाद द्वारका नगरी भी समंदर में डूब गई और इसके अवशेष आज भी अरब सागर में समाए हुए हैं।  (Wikimedia Commons)
Submarine Ride For Old Dwarka -कहा जाता है कि श्रीकृष्ण के अपने धाम जाने के बाद द्वारका नगरी भी समंदर में डूब गई और इसके अवशेष आज भी अरब सागर में समाए हुए हैं। (Wikimedia Commons)

Submarine Ride For Old Dwarka - कहा जाता है कि श्रीकृष्ण के अपने धाम जाने के बाद द्वारका नगरी भी समंदर में डूब गई और इसके अवशेष आज भी अरब सागर में समाए हुए हैं।अब वो दिन दूर नही है जब आप खुद अपने आंखो से समुद्र में डूबी द्वारका नगरी को देख सकोगे। जी हां ! सरकार के पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार भगवान कृष्ण की जलमग्न द्वारका नगरी अब देखी जा सकेगी। इसे देखने के लिए एक पनडुब्बी परियोजना शुरू की जाएगी। पनडुब्बी से लोग दो घंटे में मौजूदा द्वारका से पुरानी द्वारका तक जाएंगे।

पनडुब्बी में 6 क्रू सदस्यों के साथ 24 पर्यटक यात्रा पर जा सकेंगे। पनडुब्बी जब 300 फीट नीचे गहराई में पहुंचेगी तो लोगों को अपनी आंख से द्वारका देखने को मिल सकेगी। पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार पनडुब्बी के संचालन के लिए भारत सरकार की मझगांव डॉक शिपयार्ड कंपनी के बीच समझौता हुआ है। सबमरीन प्रोजक्ट की शुरुआत अगले साल जन्माष्टमी या फिर दिवाली पर की जा सकती है। हालांकि, अब तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है और वाइब्रेंट समिट में ऐलान किया जा सकता है। गांधीनगर के महात्मा मंदिर में 10 से 12 जनवरी के बीच वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट हो रही है।

 900 करोड़ रुपये की लागत से बना यह 2320 मीटर लंबा ब्रिज पर्यटकों को अरब सागर निहारने का मौका देगा। (Wikimedia Commons)
900 करोड़ रुपये की लागत से बना यह 2320 मीटर लंबा ब्रिज पर्यटकों को अरब सागर निहारने का मौका देगा। (Wikimedia Commons)

पनडुब्बी में कौन-कौन होगा?

कहा जा रहा है की 24 टूरिस्ट, 2 पायलट, 1 गाइड तथा 1 टेक्नीशियन होगा। पनडुब्बियों के लिए बैट द्वारका के पास एक विशेष घाट का भी निर्माण किया जाएगा। पर्यटन के लिए पनडुब्बियों का उपयोग द्वारका में देश का पहला प्रयोग होगा। पनडुब्बी अधिकतम 300 फीट गहराई तक जाएगी। इतना ही नहीं इसका कुल वजन 35 टन होगा।

पनडुब्बी से पुरानी द्वारका के दर्शन की शुरुआत से द्वारका में पर्यटकों के बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। (Wikimedia Commons)
पनडुब्बी से पुरानी द्वारका के दर्शन की शुरुआत से द्वारका में पर्यटकों के बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। (Wikimedia Commons)

पनडुब्बी पर्यटकों के लिए बनेगा नया आकर्षण

द्वारका के पर्यटन को और बढ़ावा देने के लिए गुजरात सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र में जाने के बाद द्वारका से जुड़ी कई परियोजनाओं में न सिर्फ गति आई है बल्कि देवभूमि द्वारका को द्वारका आईलैंड से जोड़ने वाले ब्रिज भी अब तैयार हो चुका है। 900 करोड़ रुपये की लागत से बना यह 2320 मीटर लंबा ब्रिज पर्यटकों को अरब सागर निहारने का मौका देगा। इसके साथ पनडुब्बी से पुरानी द्वारका के दर्शन की शुरुआत से द्वारका में पर्यटकों के बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

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