कनीना स्कूल बस हादसे में मौत का सौदागर कौन : समीक्षा रिपोर्ट

हरियाणा के महेन्द्रगढ जिला के कनीना कस्बे में हुए शासन-प्रशासन की लापरवाही के चलते भीषण स्कूल बस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हृदयविदारक दुर्घटना में फिलहा 8 नौनिहालों की मौत एवं लगभ डेढ दर्जन गंभीर घायल होने की खबर है। आखिर कनीना स्कूल बस हादसे में नौनिहालों की मौत का सौदागर कौन?
कनीना स्कूल बस हादसे:- हरियाणा के महेन्द्रगढ जिला के कनीना कस्बे में हुए शासन-प्रशासन की लापरवाही के चलते भीषण स्कूल बस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।[Public]
कनीना स्कूल बस हादसे:- हरियाणा के महेन्द्रगढ जिला के कनीना कस्बे में हुए शासन-प्रशासन की लापरवाही के चलते भीषण स्कूल बस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।[Public]
Published on
2 min read

कम्मी ठाकुर, स्वतंत्र पत्रकार

  • प्राइवेट स्कूल संचालकों पर शासन-प्रशासन के आदेश बेअसर

  • कनीना स्कूल बस हादसे में स्कूल संचालक-ड्राइवर पर तत्काल गैर इरादतन हत्या का मुकद्दमा दर्ज हो

  • कनीना स्कूल बस हादसे में जिला शिक्षा अधिकारी को भी पार्टी बनाया जाए

  • कनीना स्कूल बस हादसे की उच्चस्तरीय जांच तय समय-सीमा में करवाकर दोषियों को कड़ी सजा दी जाए

  • स्कूल की मान्यता तत्काल रद्द की जाए

  • नीजि कोचिंग संस्थानों पर भी हो कार्रवाई

हरियाणा के महेन्द्रगढ जिला के कनीना कस्बे में हुए शासन-प्रशासन की लापरवाही के चलते भीषण स्कूल बस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हृदयविदारक दुर्घटना में फिलहा 8 नौनिहालों की मौत एवं लगभ डेढ दर्जन गंभीर घायल होने की खबर है। आखिर कनीना स्कूल बस हादसे में नौनिहालों की मौत का सौदागर कौन?

हरियाणा ही नहीं देशभर में बेहतर शिक्षा के नाम पर लूट का धंधा व मौत बांटते इन मौत के सौदागरों नीजि स्कूल संचालकों व कोचिंग संस्थानों पर सरकार-प्रशासन द्वारा कथित सरकारी नियमों के राडार पर लेकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई तत्काल अमल में लाई जानी चाहिए। गजेटिड एवं वातानुकूलिन छुट्टियों के दौरान एक्स्ट्रा क्लासों के नाम पर स्कूल खोलने वाले नीजि स्कूलों पर सरकार के नियमादेशों की अवहेलना के फलस्वरूप तत्काल प्रभाव से उस स्कूल की मान्यता रद्द कर भारी भरकम आर्थिक जुर्माना लगाना चाहिए। इसके साथ ही स्कूल संचालकों द्वारा स्कूल के बच्चों का यदा-कदा राजनीतिक रैलियों के परिभ्रमण पर भी रोक लगाई जानी चाहिए।

यदि शासन-प्रशासन अतीत में अवकाशकालीन व गजेटिड छुट्टियों के दौरान उनकी नाक तले धड़ल्ले से चलने वाले नीजि स्कूलों का निरीक्षण कर उन पर पूर्व में समय रहते कोई कठोर निर्णय ले लेता तो आज कदाचित कनीना स्कूल बस हादसे में अकाल काल का ग्रास बने इन मासूम बच्चों की जिन्दगियों को महफूज रखा जा सकता था। नीजि स्कूल संचालकों व प्रशासनिक लापरवाहो-गठजोड़ ने आज कई घरों के रोशन चिरागों को बुझाकर वहां अंधेरा कर दिया। क्या सरकार-प्रशासन उजड़े हुए घरों के इन नौनिहालों को वापिस जिंदा कर सकता है?

कनीना स्कूल बस हादसे के कातिलाना हादसे में स्कूल संचालक-ड्राइवर के साथ-साथ जिला शिक्षाधिकारी पर भी गैर इरादतन हत्या का मुकद्दमा तत्काल प्रभाव से दर्ज कर जिला प्रशासन को भी इसमें पार्टी बनाकर समयबद्ध उच्चस्तरीय जांच करवाकर सरकार-न्यायालय द्वारा जवाबदेयता तय की जानी चाहिए। साथ ही जिला उपायुक्त का अपनी ड्यूटी में कोताही, विफलता व सरकारी फरमान की अवहेलना तथा गंभीरता से न लेने के चलते तत्काल अन्यत्र स्थानांतरित किया जाना चाहिए|

Related Stories

No stories found.
logo
hindi.newsgram.com