फूलों की खेती बढ़ाने के लिए 39 करोड़ की परियोजना तैयार

जम्मू और कश्मीर सरकार ने फूलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र शासित प्रदेश में फूलों की खेती की विशाल क्षमता की खोज के उद्देश्य से 39 करोड़ रुपये की एक मेगा परियोजना को मंजूरी दी है।
फूलों की खेती बढ़ाने के लिए 39 करोड़ की परियोजना तैयार (Wikimedia Commons)

फूलों की खेती बढ़ाने के लिए 39 करोड़ की परियोजना तैयार (Wikimedia Commons)

फूलों की खेती

न्यूज़ग्राम हिंदी: जम्मू और कश्मीर सरकार ने फूलों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र शासित प्रदेश में विभिन्न कृषि-जलवायु और पारिस्थितिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए फूलों की खेती की विशाल क्षमता की खोज के उद्देश्य से 39 करोड़ रुपये की एक मेगा परियोजना को मंजूरी दी है। यह जानकारी उत्पादन अधिकारियों ने गुरुवार को दी। कृषि उत्पादन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने कहा, इस परियोजना से 330 नए उद्यमों के निर्माण के अलावा 2,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है।

परियोजना का एक प्रमुख फोकस छोटी सजावटी नर्सरी का क्लस्टर आधारित क्षेत्र विस्तार है, जो उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेगा। परियोजना में कटे हुए फूलों, सुगंधित पौधों, खुले फूलों और बल्बनुमा सजावटी फसलों की संरक्षित खेती की जाएगी। साथ ही वार्षिक फूल बीज उत्पादन होगा। इस परियोजना में मौजूदा सजावटी नर्सरी के लिए प्रौद्योगिकी उन्नयन, एकत्रीकरण प्लेटफार्मों का निर्माण और आसवन इकाइयों, बीज प्रसंस्करण इकाइयों, वॉक-इन कोल्ड स्टोरेज, परिवहन, ब्रांडिंग और विपणन प्रयासों जैसे कटाई के बाद के हस्तक्षेप भी शामिल हैं।

<div class="paragraphs"><p>कश्मीर में फूलोंके बगान (Wikimedia Common)</p></div>

कश्मीर में फूलोंके बगान (Wikimedia Common)

फूलों की खेती 



नई परियोजना का उद्देश्य कई नवीनतम तकनीकी हस्तक्षेपों और रणनीतियों के माध्यम से जम्मू-कश्मीर में पुष्पकृषि उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना है।

परियोजना के उद्देश्यों में अगले चार वर्षों में 28 करोड़ रुपये के पूर्व-कोविड स्तर से लगभग 85 करोड़ रुपये प्रति वर्ष उत्पादन बढ़ाना शामिल है। प्रत्येक उत्पादन क्लस्टर को एंड-टू-एंड वैल्यू चेन, पोस्ट-हार्वेस्ट और प्रसंस्करण सुविधाओं के साथ समर्थन करना शामिल है। फूलों की खेती और संबद्ध क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने के लिए ब्रांडिंग, और बाजार पहुंच, और मानव संसाधनों की क्षमता निर्माण है।

<div class="paragraphs"><p>फूलों की खेती बढ़ाने के लिए 39 करोड़ की परियोजना तैयार (Wikimedia Commons)</p></div>
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परियोजना 24 हेक्टेयर नर्सरी क्षेत्र को जोड़ने, लैवेंडर की खेती के लिए चार क्लस्टर (85 हेक्टेयर) बनाने, खुले फूलों के उत्पादन के तहत क्षेत्र को बढ़ाने और बीज/बल्ब उत्पादन के तहत क्षेत्र का विस्तार करने के अलावा कट फ्लावर उत्पादन के तहत 2.25 हेक्टेयर क्षेत्र को बहाल करेगी। इसमें स्टेकहोल्डर्स के लिए एक्सपोजर विजिट्स और ट्रेनिंग और ब्रीडर और सीड कंपनियों के साथ बिजनेस डेवलपमेंट और कॉन्ट्रैक्ट फामिर्ंग एग्रीमेंट्स भी शामिल थे।

परियोजना के प्रमुख आउटपुट में 54 नर्सरी इकाइयों को उच्च तकनीक संचालन में अपग्रेड करना, 150 इकाइयों को फिर से चालू करना, खेती के तहत अतिरिक्त 400 हेक्टेयर क्षेत्र (कुल 587 हेक्टेयर) जोड़ना, 330 नए उद्यम बनाना और सुगंधित फूल और बल्ब में 2,000 नए उत्पादकों को प्रशिक्षण देना शामिल था।

इसका उद्देश्य 27 करोड़ से अधिक सजावटी नर्सरी पौधों और 4,000 लीटर सुगंधित तेलों का सालाना (5 वें वर्ष से) 4.8 करोड़ रुपये का उत्पादन करना और क्लस्टर मोड में 4,000 उत्पादकों को कौशल प्रदान करना है। परियोजना का कुल परिव्यय 39.03 करोड़ रुपये है।

--आईएएनएस/VS

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