Chenab Rail Bridge : चिनाब ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल आखिरकार जम्मू-कश्मीर में बनकर तैयार हो गया है। मंगलवार को अपने जम्मू-कश्मीर दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब ब्रिज समेत कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन किया। यह पुल एफिल टॉवर से भी ऊंचा है। साल 2003 में इस पुल को मंजूरी मिली थी और अब दो दशकों के इंतजार के बाद यह बन कर तैयार हो गया है। आज हम आपको दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल की विशेषताओं के बारे में बताएंगे।
20 जनवरी भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। इस पुल को बनाने के लिए 2003 में मंजूरी मिला था। पुल की सुरक्षा को लेकर काफी चिंताएं थीं मगर अब यह पुल पूरी तरह से तैयार है। इस पुल को 14,000 करोड़ की लागत से बनाया गया है। इस पुल को दुनिया का सबसे ऊंचा रेलेव ब्रिज कहा जा रहा है। इस पुल को बनाने के लिए सिविल-इंजीनियरिंग को काफी चुनौती का सामना करना पड़ा।
यह पुल चीन और पाकिस्तान दोनों देशों की आंखों की किरकिरी बन गया है। यह पुल केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में स्थित है। यह ऊधमपुर श्रीनगर बारामुला रेल लिंक परियोजना के तहत चिनाब नदी पर बना है। यह पुल भारत के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा क्योंकि इससे आम आवाजाही तो आसान होगी ही, भारतीय सेना को भी आसानी से आने-जाने का रास्ता मिल जाएगा।
इस ब्रिज को इस तरह से डिजाइन किया गया है की यह पुल 120 सालों तक सेवा देने में सक्षम है। चिनाब रेलवे ब्रिज की ऊंचाई नदी के तल से 359 मीटर है और इसकी कुल लम्बाई 1315 मीटर है। यह ब्रिज 530 मीटर जमीन के ऊपर और बाकी का 785 मीटर हिस्सा चिनाब वैली के ऊपर बना है। वैसे तो चीन के शुईपई नदी पर बना पुल 275 मीटर ऊंचा है, लेकिन चिनाब रेल ब्रिज की नदी तल से ऊंचाई 359 मीटर है।यह भूकंप के लिहाज से भी काफी सुरक्षित है और रिक्टर स्केल पर आठ की तीव्रता वाले भूकंप को भी आसानी से झेल लेगा। इस ब्रिज पर ट्रेनें 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक की रफ्तार के साथ दौड़े सकेंगी।