
अधिकारियों ने बताया कि ये छापेमारी श्रीनगर, बारामूला, अनंतनाग, कुपवाड़ा, हंडवाड़ा, पुलवामा और शोपियां (Pulwama and Shopian) जिलों में एक साथ की गई थी। जांच के दौरान आतंकवाद से संबंधित एक मामले में सीआईके को सक्षम अदालत से तलाशी वारंट मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई।
यह मामला कुछ लोगों के कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी संगठनों से कथित संबंधों से जुड़ा है।
सूत्रों की मानें तो इस छापेमारी का मकसद डिजिटल और भौतिक सबूत इकट्ठा करना था, जो जांच को आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
छापेमारी के दौरान, फोरेंसिक विश्लेषण (Forensic Analysis) के लिए कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए। अब तक की गई खोजों में किसी की गिरफ्तारी की कोई खबर नहीं है।
इन खोज अभियानों के दौरान सीआईके टीमों को स्थानीय पुलिस और सीआरपीएफ ने सहायता प्रदान की।
जम्मू-कश्मीर में संयुक्त सेनाएं आतंकवादियों, उनके सहयोगियों और समर्थक तत्वों के खिलाफ लगातार बड़े पैमाने पर अभियान चला रही हैं।
ड्रग स्मगलिंग (Drug Smuggling) और ड्रग्स बेचने वाले भी संयुक्त सुरक्षा बलों के रडार पर हैं, क्योंकि खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ड्रग स्मगलिंग और हवाला मनी रैकेट से इकट्ठा किया गया पैसा अंततः केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादियों को फंडिंग करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
आतंकियों, उनके सहयोगियों और सहानुभूति रखने वालों के साथ-साथ ड्रग्स तस्करों और हवाला मनी रैकेट चलाने वालों को निशाना बनाना, जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के पूरे इकोसिस्टम को खत्म करने के लिए संयुक्त बलों की संशोधित रणनीति का हिस्सा है।
ड्रग्स तस्करी और हवाला मनी से जुड़े ज़्यादातर मामलों में, इंटेलिजेंस एजेंसियों ने लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) और इंटरनेशनल बॉर्डर (आईबी) पार से इन गतिविधियों की जड़ें पता लगा ली हैं।
नियमित आपराधिक जांच, पासपोर्ट सत्यापन, रोज़ाना की इंटेलिजेंस जानकारी इकट्ठा करना और अन्य जांच कार्यों के अलावा, जम्मू-कश्मीर सीआईडी का एक विशेष सीआईके विंग भी है, जो कश्मीर और जम्मू में काम करता है।
इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर सीआईडी के पास एक विशेष हाई-प्रोफाइल क्राइम इन्वेस्टिगेशन विंग भी है, जिसे स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एसआईए) कहा जाता है।
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