बोकारो(Bokaro) का इस्कॉन मंदिर(Iskcon Temple) और हंस मंडप मंगलवार को भीषण आग में जलकर तबाह हो गया। मंदिर की कई प्रतिमाएं नष्ट हो गईं। मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों ने इस अग्निकांड के पीछे साजिश की आशंका जताई है।
प्रबंधन(Management) ने पूर्व में जिले के उपायुक्त को पत्र लिखकर इसकी सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था की मांग की थी। पत्र में कहा गया था कि असामाजिक तत्वों से खतरे की आशंका है।
बहरहाल, झारखंड फायर ब्रिगेड(Jharkhand Fire Brigade) और बोकारो स्टील लिमिटेड(Bokaro Steel limited) के दमकल की कई गाड़ियों ने लगभग दो घंटे के प्रयास के बाद आग बुझा दिया है। बोकारो स्टील सिटी के सेक्टर वन स्थित हंस मंडप का इस्तेमाल मांगलिक और धार्मिक कार्यक्रमों के लिए बैंक्वेट हॉल की तरह होता था। शादियों के लिए भी इसकी बुकिंग की जाती थी। मंडप के ही एक हिस्से में इस्कॉन का मंदिर स्थित है। यहां राधा-कृष्ण, निमाई-निताई और प्रभु पाल की मूर्तियां स्थापित थीं।
रविवार के दिन यहां भक्तों की भारी उमड़ती है। सामान्य दिनों में भी भक्त आते रहते हैं। मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे के आसपास अचानक आग लगी। मंदिर परिसर में मौजूद लोग कुछ समझ पाते, उसके पहले ही देखते-देखते तेज लपटें उठने लगीं। मंडप-मंदिर और आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
इस अग्निकांड में करोड़ों के नुकसान की आशंका जताई जा चुकी है। कुछ लोगों का कहना है कि आग संभवतः शॉर्ट सर्किट(Short Circuit) से लगी, लेकिन मंदिर संचालक जगन्नाथ दास ने कहा कि इतनी बड़ी आग बगैर किसी साजिश के नहीं लग सकती।(IANS/RR)