लिंगायत संत ने हाईस्कूल के निर्माण के लिए घर-घर जाकर धन जुटाने का अभियान शुरू किया

सोनंदा मठ से जुड़े डॉ. शिवानंद महास्वामी ने घर-घर जाकर स्कूल के लिए चंदा इकट्ठा करने का बीड़ा उठाया है।
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लिंगायत संतIANS
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एक लिंगायत संत ने इस जिले में अफजलपुर के पास भीमा नदी के तट पर घाटरागा गांव में स्थित एक हाईस्कूल के लिए भवन निर्माण को धन जुटाने को घर-घर जाकर अभियान शुरू किया है। सोनंदा मठ से जुड़े डॉ. शिवानंद महास्वामी ने घर-घर जाकर स्कूल के लिए चंदा इकट्ठा करने का बीड़ा उठाया है। हाई स्कूल का वर्तमान भवन जर्जर होने के कगार पर है।

हालांकि सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) सरकार ने पुनर्निर्माण के लिए धन जारी किया है, लेकिन चूंकि भूमि मुजरई विभाग की है, इसलिए निर्माण की अनुमति नहीं है। हालांकि ग्रामीणों ने इस तकनीकी बाधा को कई बार अधिकारियों के ध्यान में लाने की कोशिश की, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया।

ग्रामीणों के अनुसार उन्होंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से मिलने के की योजना बनाई थी, जब उन्होंने हाल ही में कलबुर्गी का दौरा किया था। लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी।

बाद में ग्रामीणों ने डॉ. महास्वामी से संपर्क किया। स्वामी ने अक्षरा जोलिगे अभियान शुरू किया और लोगों से ज्ञान के लिए दान करने का आग्रह किया।

स्कूल
स्कूलWikimedia

डॉ महास्वामी ग्रामीणों के साथ क्षेत्र के लोगों के घरों का दौरा कर रहे हैं। जाति और धर्म (Religion) की सीमाओं को तोड़कर लोग स्वामीजी का स्वागत कर रहे हैं और दान दे रहे हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि दान में अब तक 25 लाख रुपये से अधिक मिल चुका है। स्थानीय कांग्रेस (Congress) विधायक एम.वाई. पाटिल ने एक एकड़ जमीन दान करने की बात कही।

अभियान दो और दिनों तक चलाया जाएगा और इसका लक्ष्य 60 लाख रुपये का चंदा इकट्ठा करना है। ग्रामीण चंदा इकट्ठा करने के लिए धार्मिक कार्यक्रम भी कर रहे हैं।

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डॉ. महास्वामीजी ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य कुल पांच एकड़ जमीन खरीदना है। ग्रामीणों ने तीन एकड़ में स्कूल परिसर बनाने की योजना बनाई है और अन्य भवनों के निर्माण के लिए दो एकड़ राजस्व विभाग को सौंप दिया जाएगा।

वर्तमान स्कूल भवन मुजरई विभाग के अधिकार क्षेत्र में है और वे नए भवन निर्माण की अनुमति नहीं दे रहे हैं। स्वामीजी ने बताया कि जर्जर भवन में बच्चों को पढ़ाई में दिक्कत आ रही है, इसलिए भक्तों से चंदा वसूला जाता है।

घट्टारगा गांव में कोई सरकारी जमीन नहीं है और निजी पार्टियों से जमीन खरीदने की जरूरत है। कलाबुरगी के उपनिदेशक लोक शिक्षण ने कहा कि स्कूलों के लिए जमीन खरीदने का कोई प्रावधान नहीं है। अगर कोई जमीन सौंपेगा तो उसके नाम पर स्कूल (school) का नाम कर दिया जाएगा।

आईएएनएस/RS

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