केरल के मत्‍स्‍य व्‍यवसाय में महिला केंद्रित पहल देखकर प्रभावित हुए अमेरिकी छात्र

अमेरिका(America) के मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी (MSU) के स्नातक छात्रों और शिक्षकों का एक समूह केरल के मत्स्य व्‍यवसाय में महिलाओं के वर्चस्व वाली समुदाय-आधारित पहल से प्रभावित हुआ है।
केरल के मत्‍स्‍य व्‍यवसाय में महिला केंद्रित पहल देखकर प्रभावित हुए अमेरिकी छात्र।(Image: Wikimedia Commons)
केरल के मत्‍स्‍य व्‍यवसाय में महिला केंद्रित पहल देखकर प्रभावित हुए अमेरिकी छात्र।(Image: Wikimedia Commons)

अमेरिका(America) के मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी (MSU) के स्नातक छात्रों और शिक्षकों का एक समूह केरल के मत्स्य व्‍यवसाय(Fish Occupation) में महिलाओं के वर्चस्व वाली समुदाय-आधारित पहल से प्रभावित हुआ है।

विश्वविद्यालय और आईसीएआर-सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (CMFRI) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित छात्र एक्सपोजर-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में राज्य की 15 दिवसीय यात्रा पर आई अमेरिकी टीम गांवों में विभिन्‍न महिला समूहों एवं अन्‍य स्‍वयं सहायता समूहों की उद्यमिता पहलों की विविधता से मंत्रमुग्ध हो गई।

छात्रों टीम ने देखा कि सक्रिय महिला किसानों के समूह केज कल्‍चर(Cage Culture) और बाइवॉल्‍व फार्मिंग(Bivalve Farming) में संलग्न थे, और मूल्य संवर्धन कर रहे थे।

मत्स्य व्‍यवसाय में सोसायटी फॉर असिस्टेंस टू फिशरवुमन (SAF) जैसी महिला सहकारी एजेंसियों की बहुआयामी गतिविधियों ने भी राज्य के मत्स्य पालन क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण की सकारात्मक छाप छोड़ी है।

संकाय और शैक्षणिक मामलों के एसोसिएट डीन प्रोफेसर लिंडा रेसिओपी और प्रोफेसर सेजुती दासगुप्ता के नेतृत्व में एमएसयू के जेम्स मैडिसन कॉलेज से तुलनात्मक संस्कृति और राजनीति का अध्ययन करने वाले 10 छात्रों ने समुद्री मत्स्य पालन, केज फिश फार्मिंग, मछली पकड़ने के चीनी जाल और मछली बाजार के बारे में जाना और इस क्षेत्र में आजीविका के बारे में गहराई से जानकारी हासि‍ल की।

केरल के मत्‍स्‍य व्‍यवसाय में महिला केंद्रित पहल देखकर प्रभावित हुए अमेरिकी छात्र।(Image: Wikimedia Commons)
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छात्रों ने संस्थान की अनुसंधान गतिविधियों को जानने के लिए सीएमएफआरआई के निदेशक डॉ. ए. गोपालकृष्णन और विभिन्न प्रभागों के प्रमुखों के साथ बातचीत की।

दोनों संस्थानों के बीच मौजूदा समझौता ज्ञापन के आधार पर सीएमएफआरआई द्वारा आयोजित यह तीसरा ऐसा कार्यक्रम था। एक्सपोज़र-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम केवल मत्स्य पालन तक ही सीमित नहीं था, बल्कि टीम ने त्रि-स्तरीय सरकारी प्रणाली और स्थानीय स्व-शासन की कार्यप्रणाली का भी पता लगाया।

कोचीन कॉर्पोरेशन की सामुदायिक रसोई परियोजना समृद्धि की अवधारणा ने टीम काे विशेष रूप से आकर्षित किया।

सीएमएफआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. श्याम सलीम ने कहा कि एमएसयू और सीएमएफआरआई के बीच सहयोगात्मक अनुसंधान कार्यक्रम, सेमिनार और कार्यशालाएं डिजाइन करने की प्रक्रियाएं चल रही हैं।(IANS/RR)

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