Ex Muslim Movement : कई सर्वे के अनुसार यह दावा किया जाता है कि इस्लाम दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता धर्म है। फिलहाल ईसाई धर्म सबसे ऊपर है, जबकि इस्लाम दूसरे नंबर पर है, ये धर्म काफी तेजी से फैल तो रहा है, लेकिन इसके साथ ही एक ऐसी बात सामने आ रही है कि लोग अब इस्लाम छोड़ रहे हैं। ये लोग खुद को नास्तिक या किसी और धर्म को मानने वाले नहीं, बल्कि खुद को एक्स-मुस्लिम बताते हैं। अब यही उनकी पहचान बन गई है। आइए एक्स इस्लाम के बारे में और विस्तार से जानते हैं।
इस्लाम को मानने वाले लोग अक्सर धर्म के मामले में काफी सख्त होते हैं। वे सारे नियम कायदे मानते हैं या जन्नत-जहन्नुम जैसी बातों पर विश्वास करते हैं। वहीं एक्स- मुस्लिम बताने वाले लोग इन बातों का कड़ा विरोध करते हैं। वे धर्मगुरुओं को बहस के लिए उकसाते हैं और लोगों को यह मजहब छोड़ने के लिए कहते हैं।
साल 2016 में इसपर एक डॉक्युमेंट्री भी बनी- इस्लाम्स नॉन-बिलीवर्स। नॉर्वे में बनी इस फिल्म में एक्स-मुस्लिमों के डर और खतरों पर बात की गई कि किस तरह उन्हें चरमपंथियों की धमकियां मिलती हैं या परिवार को मारने की धमकी मिलती है।
अमेरिका और यूरोप से शुरू होकर बढ़ते-बढ़ते यह दुनिया के कई देशों में फैल गया। अब भारत के केरल में भी एक्स-मुस्लिम समुदाय है। इनका एक संगठन है, जिसका नाम ही एक्स- मुस्लिम्स ऑफ केरल (EMU) है। ये संगठन लगभग पांच साल पहले उनके लिए बना, जो इस्लाम छोड़ चुके थे। केरल में अक्सर उन्हें धमकियां मिलतीं, या कई दूसरी परेशानियां आती थीं। ऐसे में EMU उनका साथ देता है। इसके अलावा भी एक नॉन-रिलीजियस सिटिजन्स है। ये केवल इस्लाम को छोड़ने वाले या उससे नफरत करने वाले नहीं है बल्कि ये लोग नास्तिक है, ये किसी भी धर्म को नहीं मानते हैं।
इसमें ज्यादातर काफी पढ़े-लिखे लोग शामिल है। वे तर्क करते हैं कि इस्लाम में विज्ञान पर जोर नहीं, या फिर संगीत और डांस की भी मनाही है। LGBTQIA को भी इस्लाम ने नहीं अपनाया गया इसलिए ये लोग भी धर्म से अलग हो रहे हैं। जबकि इसका डेटा नहीं कि भारत में कितने लोग मुस्लिम धर्म छोड़कर एक्स-मुस्लिम हो रहे हैं। एक्स- मुस्लिम साहिल, समीर और आजाद ग्राउंड जैसे कई नाम हैं, जो भारत के एक्स-मुस्लिम हैं और ये सभी यूट्यूब चैनल के जरिए अपनी बात कहते हैं।