Indian Union Muslim League :इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग काफी लंबे समय से भारत में राजनीति का हिस्सा रही है और प्रत्येक चुनाव में भी भाग लेती रही है।  (Wikimedia Commons)
Indian Union Muslim League :इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग काफी लंबे समय से भारत में राजनीति का हिस्सा रही है और प्रत्येक चुनाव में भी भाग लेती रही है। (Wikimedia Commons)

मोहम्मद अली जिन्ना का केरल के इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग से क्या है कनेक्शन?

साल 1947 में जब देश का बंटवारा हुआ तो मोहम्मद अली जिन्ना की अगुआई वाली राजनीतिक पार्टी मुस्लिम लीग को भंग कर दिया गया, यह पार्टी ही लंबे समय से मुसलमानों के लिए अलग देश की मांग कर रही थी। फिर बंटवारे के बाद मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल बने और सितंबर साल 1948 में उनका निधन हो गया।
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Indian Union Muslim League : भारतीय जनता पार्टी ने इस बार के लोकसभा चुनाव में केरल पर पूरी तरह फोकस किया हुआ था। इसी वजह से बीजेपी वाम मोर्चा और कांग्रेस के गढ़ में अपना खाता खोलने में सफल रही। लेकिन केरल की एक और पार्टी है जिसका नाम इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग है, जिसने इस बार तीन सीटों पर जीत हासिल की है। अधिकतर लोग इस पार्टी को इसके नाम के कारण हिंदुस्तान के बंटवारे के लिए जिम्मेदार मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग से जोड़कर देखते हैं। लेकिन क्या इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का सच में मोहम्मद अली जिन्ना से कोई संबंध था ? आइए जानते हैं इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के इतिहास के बारे में।

क्या है जिन्ना से रिश्ता

मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का नाम एक जैसा ही लगते हैं, लेकिन दोनों का इतिहास और विचारधारा अलग-अलग है। साल 1947 में जब देश का बंटवारा हुआ तो मोहम्मद अली जिन्ना की अगुआई वाली राजनीतिक पार्टी मुस्लिम लीग को भंग कर दिया गया। यह पार्टी ही लंबे समय से मुसलमानों के लिए अलग देश की मांग कर रही थी। फिर बंटवारे के बाद मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल बने और सितंबर साल 1948 में उनका निधन हो गया।

 मोहम्मद इस्माइल जिन्ना वाली पार्टी के मद्रास प्रेसीडेंसी के अध्यक्ष हुआ करते थे और वह बंटवारे के बाद भारत में ही रह गए थे। (Wikimedia Commons)
मोहम्मद इस्माइल जिन्ना वाली पार्टी के मद्रास प्रेसीडेंसी के अध्यक्ष हुआ करते थे और वह बंटवारे के बाद भारत में ही रह गए थे। (Wikimedia Commons)

कब बनी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग

मोहम्मद अली जिन्ना के निधन के बाद ही पश्चिमी पाकिस्तान में फिर से मुस्लिम लीग का गठन किया गया, उसी समय पूर्वी पाकिस्तान यानी आज के बांग्लादेश में ऑल पाकिस्तान अवामी मुस्लिम लीग बनी और ठीक उसी समय भारत में भी मोहम्मद इस्माइल ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का गठन किया। मोहम्मद इस्माइल जिन्ना वाली पार्टी के मद्रास प्रेसीडेंसी के अध्यक्ष हुआ करते थे और वह बंटवारे के बाद भारत में ही रह गए थे।

इस बार चुने गए 3 सांसद

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग काफी लंबे समय से भारत में राजनीति का हिस्सा रही है और प्रत्येक चुनाव में भी भाग लेती रही है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की स्थिति केरल में अच्छी भली है और उसकी एक इकाई तमिलनाडु में भी है। चुनाव आयोग ने भी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को केरल में राज्य की पार्टी के तौर पर मान्यता दी हुई है। हमेशा उसके उम्मीदवार लोकसभा का हिस्सा बनते रहे हैं। इस चुनाव में ईटी मोहम्मद बशीर ने मल्लपुरम से, डॉ. एम. पी. अब्दुसमद समदानी ने पोननानी से और नवास कानी के ने रामनाथनपुरम से जीत दर्ज की है।

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