न्यूज़ग्राम हिंदी: भारत में चीतों के पुनर्वास के लिए किए गए प्रयासों को एक और झटका लगा है। रविवार की शाम मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान(Kuno National Park) में एक नर चीता की मौत हो गई है, इससे पहले एक मादा चीता की मौत हुई थी।
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से लाए हुए चीतों के एक दल को इस उद्यान में छोड़ा गया था और उसके बाद दूसरा दल भी आया था। रविवार की सुबह दैनिक निगरानी दल को उदय नाम का चिता बोमा क्रमांक 2 में सुस्त अवस्था में पाया गया। चीता के करीब जाने पर वह लड़खड़ते हुए और गर्दन झुकाकर चलता रहा, जबकि प्रोटोकॉल के अनुसार प्रतिदिन सुबह-शाम की निगरानी के दौरान एक दिन पूर्व की निगरानी के समय उदय नाम का चीता पूरी तरह तरह स्वस्थ था।
वन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उदय की हालत की जानकारी वन्यप्राणी चिकित्सकों को दी गई, जिस पर वे मौके पर पहुंचे और उन्होंने उदय की स्थिति का निरीक्षण कर पाया कि वह बीमार है। मौके पर मौजूद अन्य वन्य प्राणी विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं चीता कंजर्वेशन फंड के चीता विशेषज्ञ द्वारा चीता की स्थिति देखते हुए तत्काल उपचार के लिए ट्रेंकुलाइजर करने की जरूरत महसूस की गई। बाद में चीता को ट्रेंकुलाइज किया गया और बेहोश कर उपचार के लिए लाया गया। चीता के स्वास्थ्य को देखते हुए आइसोलेशन वार्ड में उपचार और निगरानी के लिए रखा गया, मगर शाम लगभग 4 बजे उसकी मौत हो गई।
नामीबिया से लाए गए चीतों के दल में से अब तक दो चीतों की मौत हो चुकी है। इससे पहले 27 मार्च को एक मादा चीता की मौत हुई थी।
--आईएएनएस/VS