Harda Factory Blast : देश में ऐसे कई फैक्ट्रियां है जहा बहुत बड़े पैमाने पर मजदूर काम करते है लेकिन मजदूरों के लिए कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है यदि काम करते हुए में वहा कोई ऐसी दुर्घटना घट गई तो उनके पास अपना जान गवाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। दरहसल, ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 150 किलोमीटर दूर स्थित हरदा के बैरागढ़ में मंगलवार को एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ है। इस विस्फोट में अब तक 11 लोगों की मौत की खबर हैजबकि 74 से ज्यादा लोग झुलस गए हैं।
इस पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट होने से आस पास के 50 से ज्यादा घरों में भीषण आग लग गई है। आग लगने की वजह से घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई थी। इस भगदड़ की वजह से स्थिति और खराब हो सकती थी। फैक्ट्री में बड़ी मात्रा में बारूद रखा हुआ था इसी कारण विस्फोट की भयावहता को देखते हुए जल्द से जल्द पचास से ज्यादा एंबुलेंस घटनास्थल पर भेजी गई थी।
हरदा की जिस फैक्ट्री में धमाका हुआ है। वह फैक्ट्री पूरी तरह से अवैध थी। सरकार को इस बात की कानों कान खबर भी न चली की जिले में एक अवैध फैक्ट्री इतने सालों से चल रही थी। फैक्ट्री के वैध या अवैध होने के सवाल पर डीएम से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम चेक करके बताएंगे कि फैक्ट्री के पास लाइसेंस था या नहीं।
हरदा की पटाखा फैक्ट्री में आग से यह साफ हो गया है कि सुरक्षा मानकों को बड़े पैमाने पर नजरअंदाज किया गया है। फैक्ट्री के पास लाइसेंस नहीं था, जिस वजह से यह फैक्ट्री बिना लाइसेंस ही चल रही थी। इसके अलावा आग लगने के कारण स्थिति में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे।
मध्य प्रदेश में किसी पटाखा फैक्ट्री में धमाका कोई नया नहीं है। इससे पहले भी यहां कई धमाके हुए हैं लेकिन प्रशासन ने इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में पुराने धमाकों के बाद भी कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आग से मरने वाले परिवार वालों के लिए दो-दो लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है जबकि घायलों को पचास-पचास हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।