इंदौर (Indore) के नेहरू स्टेडियम (Nehru Stadium) में क्रांति सूर्य टंट्या मामा (Tantya mama) भील बलिदान दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने पेसा एक्ट (Pesa Act) को जनजातीय वर्ग की जिंदगी में बदलाव लाने वाला कानून बताया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि जनजातीय समाज को जल, जंगल और जमीन का अधिकार दिलाने के लिए पेसा एक्ट लागू किया गया है। मुख्यमंत्री चौहान स्वयं जनता के बीच जाकर इसे सरल भाषा में समझा रहे हैं। पेसा एक्ट जनजातीय समाज को सफलता के शिखर पर ले जाएगा। उन्होंने कहा, "मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में वंचित वर्ग के कल्याण और समावेशी समाज बनाने के लिए सराहनीय प्रयास हो रहे हैं। राज्य सरकार जनजातीय समाज को सिकल सेल जैसी बीमारी से बचाने के लिए भी सराहनीय कार्य कर रही है। जनजातीय नायकों ने जल, जंगल और जमीन बचाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ भीषण संघर्ष किया। आज टंट्या मामा भील के बलिदान दिवस पर मैं सभी को नमन करता हूं।"
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम कोई कर्मकांड नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक क्रांति का शंखनाद है। मध्यप्रदेश की धरती पर जनजातीय कल्याण के संकल्प को पूरा भी किया जा रहा है। प्रदेश के 89 जनजातीय बहुल विकासखंडों में पेसा एक्ट लागू किया जा चुका है, जो जनजातीय समुदाय को जल, जंगल और जमीन का हक प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, "मैं पेसा एक्ट समझाने वाला मास्टर ट्रेनर हूं। आज आप सबको ट्रेंड करने आया हूं, जिससे हमारे जनजातीय भाई-बहन अपने अधिकारों को समझे और अपना एवं अपने गांव को समृद्ध कर आत्मनिर्भर बनाए। प्रदेश में मास्टर ट्रेनर्स बना कर प्रशिक्षण देने का काम चल रहा है। प्रत्येक विकासखंड में 15-15 कोआर्डिनेटर बनाए जाएंगे। पेसा एक्ट के माध्यम से जनजातीय वर्ग की जिंदगी बदलने का काम करना है। यह महा अभियान है।" मुख्यमंत्री ने इसमें सभी को साथ मिलकर चलने का संकल्प भी दिलाया।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पेसा एक्ट में हर गांव में समितियां बनेंगी। इन समितियों में एक तिहाई सदस्य महिला होंगी। ग्राम सभाओं को अपने गांव की जल, जंगल और जमीन के उपयोग का पूर्ण अधिकार होगा। पेसा एक्ट छल-कपट से छीनी गई जमीन पर जनजातीय समाज को दोबारा अधिकार दिलवाएगा। गांव की रेत, गिट्टी, पत्थर पर पहला हक जनजातीय सहकारी समितियों का होगा।
अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री मीना सिंह मांडवे ने स्वागत भाषण दिया। सांसद वी.डी. शर्मा ने कहा कि 15 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश से राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस मनाने की शुरुआत की। मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में जनजातीय वर्ग को अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए 'पेसा एक्ट' लागू किया गया है। प्रदेश के 89 जनजातीय विकासखंडों से जो टंट्या मामा भील गौरव यात्राएं निकाली गई थीं, उनका समापन आज यहां उनके बलिदान दिवस पर हो रहा है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल निरंतर जनजातीय वर्ग के कल्याण के कार्य करते रहते हैं।
केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि पूरे भारत में 10 ऐसे जनजातीय उपयोजना क्षेत्र वाले राज्य हैं, जहां वर्ष 1986 में जनजातीय अधिकार कानून बनाया गया।
आईएएनएस/PT