मध्य प्रदेश में प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा, एनसीएनएफ से हुआ करार

प्राकृतिक खेती द्वारा लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और भूमि की उर्वराशक्ति को बरकरार रखने में मदद मिलेगी।
मध्य प्रदेश में प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा, एनसीएनएफ से हुआ करार
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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में प्राकृतिक खेती को और बढ़ावा देने के लिए किसान-कल्याण एवं कृषि विकास विभाग और नेशनल कोएलीशन फॉर नेचुरल फार्मिंग (एनसीएनएफ) के बीच करार हुआ। कृषि विभाग की संचालक प्रीति मैथिल ने बताया है कि प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को जागरूक करने और खेती की लागत में कमी लाकर उनकी आय में वृद्धि करने में एमओयू कारगर साबित होगा। एनसीएनएफ के अध्यक्ष मीर शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में देश में अग्रणी राज्य है।

प्रदेश के 40 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने, जैविक उत्पादन, उचित मूल्य प्राप्त करने जीवामृत, बीजामृत, गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट और रोगों एवं कीटों की रोकथाम के लिए जैविक कीटनाशक तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

मध्य प्रदेश में प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा, एनसीएनएफ से हुआ करार
मध्यप्रदेश में विकास की योजनाओं का यूनिक रोड मैप



प्राकृतिक खेती के द्वारा लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और भूमि की उर्वराशक्ति को बरकरार रखने में मदद मिलेगी। निरंतर रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से क्षीण हो रही भूमि की उर्वरा शक्ति, नष्ट हो रहे कृषि मित्र केंचुए और जन्म ले रहीं मानव जन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रदेश में प्राकृतिक खेती (Natural Farming) के क्षेत्र में बेहतर तरीके से कार्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्राकृतिक खेती के रकबे को बढ़ा कर खेती की लागत में कमी लाई जाकर किसानों की आय में उत्तरोत्तर वृद्धि करने के लिये शासन निरंतर कार्य कर रहा है।

किसानों को जागरूक करने में एनसीएनएफ समान विचारधारा वाले 23 पार्टनर संस्थाओं के साथ मिल कर प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को लाभान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्राकृतिक खेती के लिये एनसीएनएफ द्वारा नेचर पॉजीटिव एग्रीकल्चर एवं नेचर बेस्ड सॉल्यूशन में सहयोग किया जाएगा। इसके अलावा शासन के साथ पॉलिसी एवं क्रियान्वयन के स्तर पर भी सशक्त भागीदारी की जाएगी।

(आईएएनएस/HS)

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