हर्षवर्धन मजेजी
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हर्षवर्धन मजेजी के कंप्यूटर इंजीनियर से किसान बनने की कहानी

एक युवा जिसने पढ़ाई तो की थी कंप्यूटर इंजीनियर बनने की, मगर उसे वह रास नहीं आया।
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कुछ लोगों को नौकरी रास नहीं आती और वे नया कुछ करने की ठान बैठते हैं, ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शिवपुरी जिले का है, जहां के एक युवा ने पढ़ाई तो की थी कंप्यूटर इंजीनियर (Computer engineer) बनने की, मगर उसे वह रास नहीं आया। अब वह अपने गांव में आकर खेती में हाथ आजमा रहा है। साथ ही उसे साल भर में फसल के जरिए 25 लाख रुपये तक कमाने की उम्मीद है।

शिवपुरी जिले के ठर्रा-ठरी में कंप्यूटर इंजीनियर से हर्षवर्धन मजेजी के किसान बनने की चर्चाएं हर तरफ हैं। वे इंदौर (Indore) में नौकरी करते थे, वहीं उनके परिवार की लंबी चौंड़ी खेती है। यहां नौकरी में मन नहीं लगा तो वे अपने गांव आ गए। उन्होंने खेती में हाथ आजमाया है। वे परंपरागत खेती से हटकर काम कर रहे हैं।

Farming land
Farming landWikimedia

मजेजी ने इस बार पांच बीघा जमीन में नया प्रयोग करते हुए यहां पर शिमला मिर्च उगाई है। इस शिमला मिर्च के जरिए किसान हर्षवर्धन सिंह ने 20 लाख रुपए कमाने का लक्ष्य इस सीजन में रखा है। अभी तक वह अपने खेत से लगभग 100 क्विंटल शिमला मिर्च निकाल चुके हैं और आने वाले समय में मौसम अनुकूल रहा तो शिमला मिर्च का अच्छा उत्पादन होगा। वर्तमान में यह शिमला मिर्च बाजार में 40 से 50 रुपए किलो बिक रही है।

मजेजी का कहना है कि शिमला मिर्च की खेती अगर अच्छे से की जाए, पैदावार अच्छी हो और बाजार का रुख भी अनुकूल हो तो पांच बीघा में 15 से 25 लाख रुपये तक कमाए जा सकते हैं। इस फसल थोड़ी संवेदनशील है, थोड़ा ध्यान देने की जरुरत होती है।

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शिवपुरी में परंपरागत खेती के तौर पर वैसे गेहूं, चना, मूंगफली व सोयाबीन की फसलें ज्यादातर किसान करते हैं लेकिन अब किसान (farmer) अलग हटकर अपनी आमदनी बढ़ाने पर जोर दे रहा है इसलिए नए प्रयोग किए जा रहे हैं।

आईएएनएस/RS

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