एक फर्ज़ी IAS ऑफिसर जिसने पद्मा श्री और राज्य सभा के टिकट का लालच देकर कई नेताओं को ठगा!

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में हाल ही में ऐसा ही हुआ। एक महिला, जो खुद को IAS ऑफिसर और जिला कलेक्टर बताती थी, महीनों तक सरकारी रुतबा झाड़ती रही बड़े नेताओं से लेकर आम लोगों तक, हर किसी को विश्वास दिलाती रही कि वह केंद्र सरकार की “टॉप अधिकारी” है।
कल्पना भागवत (Kalpana Bhagwat) मीडिया को साक्षात्कार दे रही है
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यह कल्पना करना भी मुश्किल है कि जिस कुर्सी तक पहुँचने के लिए लाखों युवा सालों तक दिन-रात मेहनत करते हैं, वही कुर्सी कोई शख्स बिना परीक्षा दिए, बिना योग्यता के, सिर्फ़ चालाकी और फर्जी पहचान के दम पर हथिया ले। मगर महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में हाल ही में ऐसा ही हुआ। एक महिला, जो खुद को IAS ऑफिसर (Fake IAS Officer) और जिला कलेक्टर (District Collector) बताती थी, महीनों तक सरकारी रुतबा झाड़ती रही बड़े नेताओं से लेकर आम लोगों तक, हर किसी को विश्वास दिलाती रही कि वह केंद्र सरकार की “टॉप अधिकारी” है। लेकिन जब उसके असली चेहरे से नकाब हटा, तो कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं निकली फर्जी दस्तावेज़, बड़े-बड़े वादे, राजनैतिक लालच, और करोड़ों का खेल। इस एक खुलासे ने न सिर्फ़ लोगों को हैरान किया, बल्कि सिस्टम की सुरक्षा पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए।

कौन है यह फर्जी ऑफिसर?

कल्पना भागवत (Kalpana Bhagwat) नाम की एक 45 वर्षीय महिला को महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर पुलिस (Chhatrapati Sambhaji Nagar Police Station) ने गिरफ्तार किया। इस महिला पर आरोप है की एक फर्जी आईएएस अधिकारी होने का दावा कर इसने पद्मा श्री और राज्यसभा का लालच देकर बड़े-बड़े नेताओं को ठगा है। जांच में पाया गया कि भागवत ने फर्जी डॉक्युमेंट, जैसे कि एक कथित “आईएएस नियुक्ति पत्र (IAS appointment letter)” और झूठा आधार-कार्ड (Aadhaar) इस्तेमाल किया था, जिससे वह दिल्ली-पावर मंत्रालय की सचिव होने का दिखावा करती थीं। पुलिस ने यह भी बताया कि भागवत लगभग छह महीने तक एक पाँच सितारा होटल में रही, और उसी दौरान कई लोगों से “पद्मश्री पुरस्कार”, “राज्यसभा सदस्यता (Rajya Sabha seat)”, व सरकारी ट्रांसफर जैसी बड़ी सुविधाओं का लालच देकर उनसे पैसे ऐंठे।

कल्पना भागवत (Kalpana Bhagwat) की तस्वीर
कल्पना भागवत (Kalpana Bhagwat) नाम की एक 45 वर्षीय महिला को महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर पुलिस (Chhatrapati Sambhaji Nagar Police Station) ने गिरफ्तार किया। Sora Ai

बड़े बड़े नेताओं को ऐसे फंसाया गया

कल्पना भागवत ने बड़ी चालाकी और रणनीति के साथ बड़े-बड़े नेताओं को ठगने की प्लानिंग की थी। सबसे पहले तो भागवत ने यह दावा किया कि वह केंद्र सरकार की “Union Ministry of Energy / Power” में सचिव है और इसी नाम पर उन्होंने कई नेताओं और प्रभावशाली लोगों को संपर्क किया। कल्पना भागवत का एक सहयोगी जिसका असली नाम डिंपी हरजाई था और उसने अपना नाम “Abhishek Choudhari” भी बताया था वह भी इस गिरोह का हिस्सा था। वह खुद को गृह मंत्रालय के OSD या किसी ऊँचे अधिकारी का करीबी बताता था और उसके ज़रिए भागवत ने लोगों को विश्वास जीता। मुंबई पुलिस की जांच में एक फर्जी पत्र मिला, जिसमें भागवत को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय में सचिव दिखाया गया था और यह पत्र उनकी पहचान व टारगेट्स को विश्वास दिलाने के लिए था।

कौन कौन था इस गैंग में शामिल?

आपको बता दें कि अभी तक पुलिस ने उन 28 लोगों को नोटिस भेजा है, जिनका भागवत से संपर्क साबित हुआ है। इनमें राजनीतिक हस्तियाँ, नेता, प्रभावशाली लोग और स्थानीय लीडर शामिल हैं। इनमें एक पूर्व विश्वविद्यालय कुलपति भी शामिल है, जिनका बयान पुलिस ने दर्ज कर लिया है। कुछ मामलों में, फर्जी वादों के बदले में पैसे देने वालों ने बाद में कोर्ट में शिकायत की है, और वे अब इस मामले में गवाही देने की तैयारी में हैं। पुलिस ने भागवत के पास से कई फर्जी दस्तावेज जैसे कि फर्जी IAS नियुक्ति पत्र, फर्जी आधार कार्ड बरामद किए हैं।

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5 स्टार होटल में रहती थी यह महिला

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर के 5 स्टार होटल से गिरफ्तार महिला कल्पना त्रिंबकराव भागवत छह महीने से वहां रह रही थी। झूठे दस्तावेजों के सहारे शहर के पांच सितारा होटल में जहां वो रुकी थी, वहां रोजाना का किराया लगभग 7,000 रुपये था। पुलिस को शक होने पर जब उसके कमरे की जांच की गई, तो पूरी कहानी सामने आ गई। संभाजीनगर की जालना रोड स्थित पांच सितारा होटल में पिछले छह महीने से 45 वर्षीय कल्पना भागवत अपनी मां के साथ रह रही थी।

क्या कल्पना का था पाकिस्तान से लिंक?

होटल की तलाशी के दौरान, पुलिस को उसके पास 2017 का एक फर्जी आईएएस नियुक्ति पत्र मिला और उसके आधार कार्ड में भी अनियमितताएं पाई गईं। शुरुआती जांच से यह स्पष्ट हो गया है कि महिला के बैंक खाते में उसके प्रेमी अशरफ खलील और उसके भाई आवेद खलील के खातों से बड़ी रकम ट्रांसफर की गई थी। अशरफ अली अफगानिस्तान से है और आवेद खलील पाकिस्तान में है। पुलिस ने बताया कि उसके कमरे से 19 करोड़ रुपये का एक चेक और 6 लाख रुपये का एक और चेक बरामद किया गया है। पुलिस ने अदालत को बताया कि महिला के पास 11 इंटरनैशनल नंबर थे, जिनमें से कुछ अफ़ग़ानिस्तान और पेशावर के थे। जांच में शामिल वरिष्ठ अधिकारियों ने खुलासा किया है कि कल्पना भागवत की गतिविधियां केवल उज्बेक नागरिक तक ही सीमित नहीं थीं। वह आवेद खलील और अशरफ अली को वीजा दिलवाने की कोशिश कर रही थी। अशरफ को अफ़ग़ानिस्तान से निर्वासित किया गया है।

इन सभी घटनाओं से एक सवाल उठता है कि आखिर कमी कहां है? हमारे सिस्टम में या सिस्टम को चलाने वाले लोगों में? एक फर्जी डॉक्यूमेंट के जरिए महिला ने बड़े-बड़े नेताओं को बेवकूफ बनाया और नेता बेवकूफ बना भी गए क्योंकि उनके लिए पद्मा श्री और राज्यसभा जैसी चीज ज्यादा महत्वपूर्ण रखती थी। गौर किया जाए तो कल्पना भागवत की यह पूरी घटना हमें बताती है कि भ्रष्टाचार और लालच हमारे समाज में और हमारे सिस्टम में बुरी तरह से फैला हुआ है। कल्पना भागवत के फर्जी डॉक्यूमेंट को बनाने से लेकर उसके सभी फर्जी काम नेताओं का इसमें शामिल होना सब घटनाएं हमारे सरकार की और सिक्योरिटी सिस्टम की कमी को दर्शाता है।[Rh]

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