न्यूज़ग्राम हिंदी: 1 मई 1960 को दो राज्य महाराष्ट्र(Maharashtra) और गुजरात की स्थापना हुई थी। आपको बता दें कि विभाजन से पहले दोनों एक ही प्रदेश हुआ करते थे लेकिन भाषा में विभिन्नता के कारण नए राज्य की मांग उठी। आइए जानते कैसे बना महाराष्ट्र(Maharashtra Day) राज्य।
भारत की स्वतंत्रता के बाद मांग उठी राज्यों के विभाजन की, जिसके लिए राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 की शुरुआत की गई। इसके तहत कई राज्यों का गठन हुआ जिसमे मलयालम भाषी केरल और तमिल भाषी राज्य तमिलनाडु शामिल हैं। अलग अलग संस्कृतियों और भाषाओं के आधार पर विभाजन को देखते हुए गुजराती और मराठी लोगों ने भी इसकी मांग की। जहां एक तरफ गुजरात बनाने के लिए गुजरातियों ने महागुजरात आंदोलन शुरू कर दिया वहीं दूसरी तरफ मराठी भाषियों ने भी महाराष्ट्र के निर्माण के लिए संयुक्त महाराष्ट्र समिति का गठन किया।
1 मई 1960 को बॉम्बे दो राज्यों में विभाजित हो गया। विभाजन के साथ ही बॉम्बे को लेकर एक नया विवाद खड़ा हुआ। जहां एक तरफ बॉम्बे में मराठी भाषी ज़्यादा थे वही दूसरी ओर गुजरातियों का कहना था कि बॉम्बे के विकास में गुजरातियों का हाथ था। दोनों ही बॉम्बे को लेने के लिए अड़े थे हालांकि लंबे संघर्ष के बाद बॉम्बे महाराष्ट्र के अंतर्गत आ गया और मुंबई को महाराष्ट्र की राजधानी का दर्जा मिला।
महाराष्ट्र और गुजरात स्थापना दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने दोनो प्रदेशवासियों को ट्वीट कर के बधाई दी। इसके साथ ही देश की रष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी देश की जनता को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया कि यह गुजरात की धरती महात्मा गाँधी और सरदार पटेल जैसे महान विभूतियों की भूमि है। साथ ही उन्होंने गुजरात के सतत प्रगति पथ पर अग्रसर रहने की कामना की।
राष्ट्रपति ने महाराष्ट्र दिवस के मौके पर राज्य के निवासियों को शुभकामनाएं दी और महाराष्ट्र की धरती को छत्रपति शिवाजी महाराज और बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर की जन्मभूमि और कर्मभूमि बताई। आज के दिन दोनों ही राज्य विशेष समारोह का आयोजन करते हैं। महाराष्ट्र में आज के दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है।
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