न्यूज़ग्राम हिंदी: महाराष्ट्र(Maharashtra) के रत्नागिरि में सऊदी अरामको और अबुधाबी नेशनल ऑयल कंपनी की मदद से प्रस्तावित रत्नागिरि रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स प्रोजेक्ट (RRPL) के विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। विरोध-प्रदर्शन में शामिल सचिन चव्हाण ने मंगलवार को बताया कि परियोजना के लिए मिट्टी की गुणवत्ता का काम शुरू होना था जिसके विरोध में लगभग छह गांवों के 500 से अधिक लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना (उद्धव गुट) के विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के नेता और स्थानीय दल ग्रामीणों के समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने आशंका जताई है कि आरआरपीएल परियोजना के लिए ग्रामीणों की 20 एकड़ जमीन ले ली जाएगी।
राकांपा के विपक्ष के नेता अजित पवार, कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट, शिवसेना (उद्धव गुट) के संजय राउत और अन्य ने ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा सरकार से सर्वेक्षण बंद करने का आग्रह किया है।
पुलिस ने बारसू, गोवल, धोपेश्वर वरचिवाडी-गोवल, राजापुर, खलचीवाड़ी-गोवल, पन्हाले-तरफे गांवों में और उसके आसपास 1,500 पुलिस कर्मियों, 300 से अधिक एसआरपी कर्मियों और दंगा नियंत्रण पुलिस के चार प्लाटूनों को तैनात किया गया है।
सर्वेक्षण टीमों को गांवों में प्रवेश करने से रोकने के लिए सैकड़ों महिला प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को सड़कों पर बैठकर और लेटकर विरोध किया। पुलिस ने उन्हें उठाने की कोशिश की।
विरोध स्थल पर जाते समय रास्ते में एक पुलिस वाहन के पलट जाने से सरकार की परेशानी बढ़ गई है। इसमें 17 पुलिसकर्मी घायल हो गए। एक स्थानीय अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया जहां उनकी हालत स्थिर है।
आरआरपीएल की प्रवर्तक कंपनियां आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल हैं। इसके तहत मेगा-रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स के निर्माण की योजना है, जिन्होंने सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
--आईएएनएस/VS