हिंदुओं के अलावा किसी को भी मंदिर में प्रवेश नहीं करने देना चाहिए। (Wikimedia Commons)
जगन्नाथ मंदिर
पुरी के जगन्नाथ मंदिर में विदेशियों के प्रवेश के पक्ष में ओडिशा (Odisha) के राज्यपाल गणेशी लाल के बयान से राज्य में बहस छिड़ गई है। गुरुवार को भुवनेश्वर में ओडिशा विजन 2036 कॉन्क्लेव के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा था, यदि कोई विदेशी पुरी गजपति, पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती और सेवकों से मिल सकता है तो उसे भगवान जगन्नाथ की पूजा करने का मौका मिलना चाहिए। राज्यपाल गणेशी लाल ने कहा कि यह मेरी निजी राय है। कोई इसकी सराहना करे या न करे, लेकिन मैं सेवकों, पुरी शंकराचार्य और राजा गजपति से मेरे प्रस्ताव पर विचार करने का अनुरोध करता हूं। परंपरा के अनुसार, केवल हिंदुओं को पुरी मंदिर के अंदर भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने की अनुमति है। ऐसे में राज्यपाल के इस बयान से राज्य में एक नया बवाल खड़ा हो गया है। पुरी मंदिर के सेवादारों ने राज्यपाल के प्रस्ताव का विरोध किया है।
मंदिर के सेवक और जगन्नाथ मंदिर की प्रबंध समिति के सदस्य माधव चंद्र महापात्र ने कहा, यह हास्यास्पद है। प्रस्ताव हमारी कल्पना से परे है। यह संभव नहीं है। हिंदुओं के अलावा किसी को भी मंदिर में प्रवेश नहीं करने देना चाहिए। एक अन्य सेवादार श्यामा महापात्रा ने भी कुछ ऐसी ही राय रखी है। महापात्रा ने कहा है कि सदियों पुरानी परंपरा को नहीं बदलना चाहिए। इसी तरह राज्यपाल के प्रस्ताव पर भाजपा और कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के नेताओं ने अपनी राय रखी है।
हिंदुओं के अलावा किसी को भी जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश नहीं करने देना चाहिए।(Wikimedia Commons)
जगन्नाथ
ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के नेता जयनारायण मिश्रा ने इस मुद्दे पर निर्णय लेने का फैसला मुक्ति मंडप के पंडितों पर छोड़ दिया है, जबकि कांग्रेस विधायक सुरेश राउत्रे ने कहा कि परंपरा को नहीं तोड़ा जाना चाहिए।
IANS/AD