न्यूज़ग्राम हिंदी: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान(Bhagwant Mann) ने नई संसद के उद्घाटन समारोह में देश के राष्ट्रपति को न बुलाकर देश के राष्ट्रपति के पद का अपमान किए जाने का अरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि वह 28 मई को समारोह में शामिल नहीं होंगे। यहां एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी संसद का नया सत्र बुलाया जाता है तो प्रत्येक सांसद को सत्र में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति द्वारा आमंत्रित किया जाता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह विडंबना है कि नई संसद के उद्घाटन समारोह में सरकार के संवैधानिक प्रमुख को भी आमंत्रित नहीं किया गया है।
मान ने कहा कि यह 'संविधान का मजाक' है जो पूरी तरह से अनुचित और अवांछनीय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान का निर्माण डॉ. बी.आर. अंबेडकर, जिन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी मूल्यों को स्थापित किया था कि लोकतंत्र सफलतापूर्वक काम करे। हालांकि, उन्होंने कहा कि गहरी साजिश के तहत, भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार इस तरह के नखरों में लिप्त होकर संविधान के निर्माताओं के प्रति घोर अनादर दिखा रही है।
मान ने कहा कि देशवासी इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे और आने वाले दिनों में भाजपा को करारा सबक सिखाएंगे।
मान ने कहा कि अगर राष्ट्रपति इस नई संसद को देश के लोगों को समर्पित करतीं तो उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होना अच्छा लगता।
--आईएएनएस/VS