
हाईकोर्ट के जस्टिस समीर जैन (Justice Samir Jain) की बेंच ने 14 अगस्त को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। राजस्थान में 892 पदों पर सब-इंस्पेक्टर (एसआई) की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित हुई थी। परीक्षा में चयनित कुछ एसआई को ट्रेनिंग के बाद फील्ड पोस्टिंग मिली। हालांकि, पेपर लीक के खुलासे के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर जनवरी 2025 में चयनित अभ्यर्थियों की फील्ड ट्रेनिंग और पोस्टिंग रोक दी गई।
इस परीक्षा में धांधली और पेपर लीक की शिकायतों के बाद राज्य की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने जांच शुरू की थी। अब तक इस मामले में 68 सब-इंस्पेक्टरों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
जुलाई में सुनवाई के दौरान चयनित उम्मीदवारों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन माथुर (R N Mathur, Senior Advocate) ने याचिका को खारिज करने के लिए दलील में कहा था, "मामला सीधा है। चूंकि भर्ती रद्द न करने का निर्णय मुख्यमंत्री के स्तर पर लिया गया था और इसे याचिका में चुनौती नहीं दी गई, इसलिए याचिका को पूरी तरह खारिज कर दिया जाना चाहिए।"
हालांकि, न्यायमूर्ति समीर जैन ने असहमति जताते हुए कहा, "यह कोई साधारण मामला नहीं है।" उन्होंने कहा कि इस मामले में कोचिंग संस्थानों, परीक्षा केंद्रों और राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के सदस्यों के बीच मिलीभगत के गंभीर आरोप शामिल हैं। फिलहाल, 28 अगस्त को हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए परीक्षा को रद्द कर दिया।
[IANS/SS]